कांग्रेस के वरिष्ठ व दिग्गज नेता एके एंटनी राजनीति छोड़ रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर अपने राजनीतिक जीवन से संन्यास की घोषणा कर दी है। केंद्रीय मंत्री रहे एके एंटनी ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कहा है कि वह अब सक्रिय राजनीति से संन्यास लेना चाहते हैं और कोई भी चुनाव नहीं लड़ेंगे।
81 साल के एंटनी ने सोनिया गांधी से कहा है कि 2 अप्रैल को उनका राज्यसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है और अब इसके बाद वह दोबारा चुनाव में नहीं उतरना चाहते। सोनिया गांधी को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि, राजनीति छोड़ने के बाद वह दिल्ली में भी नहीं रहेंगे। जल्द ही वह तिरुवनंतपुरम में शिफ्ट होंगे। वह इस समय केरल से राज्यसभा सांसद हैं।
एके एंटनी पिछले 52 साल से भारतीय राजनीति में सक्रिय हैं। छात्र राजनीति से शुरू होकर वह पहली बार वह 1970 में विधायक बने थे। इसके बाद एंटनी 37 की उम्र में पहली बार केरल के मुख्यमंत्री भी बने। अब तक वह तीन बार केरल के मुख्यमंत्री, तीन बार केंद्रीय मंत्री, पांच बार राज्यसभा सांसद रह चुके हैं। 10 साल तक वह कांग्रेस संसदीय समिति के अध्यक्ष भी रहे।
एके एंटनी ने पहले ही राजनीति से हमेशा के लिए दूर होने का मन बना लिया था। उन्होंने बताया कि, बहुत विचार करने के बाद मैनें कुछ समय पहले सोनिया गांधी को अपने निर्णय के बारे में बता दिया था। उन्होंने राज्यसभा के लिए दोबारा न खड़े होने की इच्छा जताई थी। इसके अलावा एंटनी ने केरल में राज्य प्रभारी व अन्य सदस्यों को अपने निर्णय के बारे में सूचित कर दिया था। एंटनी ने कहा पार्टी ने मुझे बहुत मौके दिए और मैं हमेशा कांग्रेस का आभारी रहूंगा।
एके एंटनी को ‘कांग्रेस का एंथनी’ भी कहा जाता था। केरल की राजनीति में कांग्रेस के लिए उनका बड़ा योगदान माना जाता है। इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के कार्यकाल के दौरान वह ऑळ इंडिया कांग्रेस कमिटी के महासचिव थे। इसके बाद वह 2004 में मनमोहन सरकार में रक्षा मंत्री भी रहे। धीरे-धीरे उनका कद बढ़ता गया और वह कांग्रेस की सबसे भरोसेमंद नेताओं में शुमार हो गए।