विपक्षी दलों की ओर से मंगलवार को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर हुई बैठक में अहम फैसला हुआ. राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार के तौर पर पूर्व टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा के नाम पर मुहर लग गई है. कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने विपक्षी नेताओं की बैठक के बाद इसका एलान किया. माना जा रहा है कि यशवंत सिन्हा 27 जून को अपना नामांकन दाखिल करेंगे.
जयराम रमेश ने कहा, ‘हमने (विपक्षी दलों ने) यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election 2022) में अपना संयुक्त उम्मीदवार बनाने का निर्णय लिया है.’ रमेश ने कहा कि यशवंत सिन्हा एक योग्य प्रत्याशी हैं. वह भारत की धर्मनिरपेक्षता और लोकतांत्रिक तानेबाने को मानते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि हमें दुख है कि मोदी सरकार राष्ट्रपति उम्मीदवार पर एक राय बनाने के लिए गंभीर चर्चा नहीं कर सकी.
शरद पवार के आवास पर बुलायी गयी विपक्षी दलों की बैठक में सर्वसम्मति से मंगलवार को यह फैसला लिया गया है. शरद पवार (Sharad Pawar) ने बताया कि 27 जून को 11:30 बजे यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति पद के लिए अपना नामांकन (Yashwant Sinha Nomination) दाखिल करेंगे. उन्होंने कहा कि सर्वसम्मति से यशवंत सिन्हा को आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों का उम्मीदवार चुना गया है.
गौरतलब है कि विपक्षी दलों की पिछली बैठक में एनसीपी प्रमुख शरद पवार का नाम भी तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी की ओर से प्रस्तावित किया गया था, लेकिन पवार ने दावेदारी स्वीकार करने से इनकार कर दिया था. इसके अलावा गोपाल कृष्ण गांधी का नाम भी आया था. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि यशवंत सिन्हा के कंपेन को आगे बढ़ाने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है.
वरिष्ठ कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम चाहते हैं कि ऐसा प्रत्याशी सामने रखा जाए जो लोकतंत्र की रक्षा कर सके. खड़गे ने आरोप लगाया कि सरकार ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए आम सहमति बनाने का कोई गंभीर प्रयास नहीं किया.
इससे पहले य़शवंत सिन्हा को तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, इसके बाद से अटकलें लगाई जा रही थीं कि उन्हें प्रेसिडेंट पद के लिए विपक्ष का प्रत्याशी घोषित किया जा सकता है.
तृणमूल कांग्रेस के नेता यशवंत सिन्हा ने मंगलवार को पार्टी छोड़ने का एलान करते हुए कहा कि अब वह वृहद विपक्षी एकता के व्यापक राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए काम करेंगे. सिन्हा ने ट्वीट किया, ममता जी ने जो सम्मान मुझे तृणमूल कांग्रेस में दिया, मैं उसके लिए उनका आभारी हूं. अब समय आ गया है जब वृहद विपक्षी एकता के व्यापक राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए मुझे पार्टी से अलग होना होगा. मुझे यकीन है कि वह (ममता) इसकी इजाजत देंगी.
आज भाजपा ने भी राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार तय करने के लिए संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई थी. हालांकि अभी कोई नाम सामने नहीं आया है. इससे पहले एनडीए की तरफ से राष्ट्रपति पद पर एक राय बनाने के लिए राजनाथ सिंह और जेपी नड्डा को विपक्ष से बातचीत करने की जिम्मेदारी दी गई थी. हालांकि सत्ता और विपक्ष में इस पर एक राय नहीं बन पाई.