- 7 जुलाई को अस्थायी रूप से गुरुग्राम में तैनात हुआ था गुरसेव
- तिरंगे में विदाई न देने पर होमगार्डों ने रोक दिया था अंतिम संस्कार
फतेहाबाद, 2 अगस्त । नूंह हिंसा में मारे गए होमगार्ड गुरसेवक का पार्थिव शरीर बुधवार को उसके पैतृक गांव फतेहपुरी पहुंचने पर होमगार्डों और ग्रामीणों ने जिला प्रशासन पर पार्थिव शरीर को मान-सम्मान न दिए जाने का आराेप लगाते हुए अंतिम संस्कार रोक दिया। पुलिस अधीक्षक के कहने पर राष्ट्रीय ध्वज मंगाया गया और पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटकर अंतिम विदाई दी गई।
बुधवार को नूंह हिंसा में बलिदान देने वाले गुरसेवक का पार्थिव शरीर जब गांव फतेहपुरी पहुंचा तो पूरा गांव शहीद के अंतिम दर्शनों के लिए उमड़ पड़ा। काफी संख्या में ग्रामीण और होमगार्ड के जवान भी गुरसेव को अंतिम विदाई देने पहुंचे थे। होमगार्ड के पार्थिव शरीर पर तिरंगा न देखकर होमगार्डों और ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। वहां मौजूद ग्रामीणों व होमगार्ड के जवानों ने शहीद को राजकीय मान-सम्मान न दिए जाने पर रोष जताते हुए संस्कार को रुकवा दिया।
होमगार्ड के जवानों का कहना था कि उनसे वायदा किया गया था कि शहीद गुरसेवक को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी, लेकिन शहीद को तिरंगे में लपेट कर भी नहीं लाया गया। होमगार्ड जवानों ने कहा कि प्रदेश सरकार उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। जब पुलिस के साथ मिलकर वे ड्यूटी करते हैं तो हर बार उन्हें आगे कर दिया जाता है लेकिन जब कोई जवान शहीद हो जाता है तो उसे कोई सम्मान नहीं दिया जाता। उन्होंने मांग की कि गुरसेवक की मौत ऑन ड्यूटी हुई है। उसे पूरे राजकीय सम्मान के साथ व तिरंगे में अंतिम विदाई दी जाए। मौके पर पहुंची जिला पुलिस अधीक्षक आस्था मोदी ने ग्रामीणों से बातचीत की। बाद में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को मंगवाया गया और इसके बाद गमगीन माहौल में शहीद गुरसेवक को अंतिम विदाई दी गई।
अंतिम संस्कार से पहले बलिदान देने वाले होमगार्ड के पार्थिव शरीर पर सार्वजनिक उपक्रम ब्यूरो के चेयरमैन सुभाष बराला, जननायक जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष स. निशान सिंह, कैबिनेट मंत्री देवेन्द्र बबली के भाई विनोद बबली, पूर्व कृषि मंत्री परमवीर सिंह, कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष रणधीर सिंह, एसपी आस्था मोदी सहित अनेक लोगों ने शहीद को श्रद्धांजलि दी।
इस मौके पर होमगार्डों ने गुरसेवक को शहीद का दर्जा देने और परिवार में एक व्यक्ति को नौकरी देने की मांग की ताकि उसके परिवार का पालन-पोषण हो सके। इस पर मौके पर मौजूद एसपी आस्था मोदी ने कहा कि होमगार्ड के जवान गुरसेवक की ऑन ड्यूटी मौत हुई है। अंतिम संस्कार के दौरान जो प्रोटोकाल होता है, उसका पूरा पालन किया गया है। अंतिम सलामी दी गई है। परिवार व अन्य ग्रामीणों की तिरंगे के साथ अंतिम विदाई की मांग थी, जिस पर तिरंगे को मंगवाया गया है। एसपी ने कहा कि परिजनों की अन्य मांगों को सरकार के पास भेज दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि नूंह में 31 जुलाई को विश्व हिन्दू परिषद की ब्रज मंडल यात्रा के दौरान हिंसा में फतेहाबाद जिले के गांव फतेहपुरी निवासी गुरसेवक सिंह शहीद हो गया था। 32 वर्षीय गुरसेवक सिंह फतेहाबाद जिले में ही तैनात था। गत 7 जुलाई को ही उसे अस्थायी रूप से गुरुग्राम में तैनात किया गया था। वहां पर खेडक़ी दौला थाना में गुरसेवक सिंह की पोस्टिंग हुई थी और हिंसा वाले दिन वह पुलिस टीम के साथ गुरुग्राम से मेवात जा रहा था तभी उपद्रवियों ने उसकी गाड़ी पर पथराव व फायरिंग कर दी थी, जिससे गुरसेवक सिंह की मौत हो गई थी। इस हिंसा में दो हाेमगार्डों की मौत हुई थी। हरियाणा पुलिस ने दोनों होमगार्ड जवानों को शहीद बताते हुए इनके परिवार को 57-57 लाख रुपये की सहयोग राशि देने की घोषणा की थी।