- समान नागरिक संहिता पर कांग्रेस से अपना मत स्पष्ट करने की मांग की
नई दिल्ली, 06 जुलाई । ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से उनके निवास पर मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान उन्हें समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर भारतीय मुसलमानों के रुख से अवगत कराया गया। प्रतिनिधिमंडल ने इस मामले में कांग्रेस पार्टी से यूसीसी पर देश के सामने अपना रुख स्पष्ट करने की मांग भी की।
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व बोर्ड के महासचिव मौलाना मोहम्मद फजलुर्रहीम मुजदद्दी ने किया। उनके अलावा प्रतिनिधिमंडल में बोर्ड के सचिव मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी, बोर्ड प्रवक्ता डॉ. सैयद कासिम रसूल इलियास, लीगल एडवोकेट एमआर शमशाद, मौलाना नियाज अहमद फारूकी, बोर्ड के सदस्य एवं मध्यप्रदेश के विधायक आरिफ मसूद व हामिद वली रहमानी भी मौजूद थे। मुलाकात के दौरान कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी भी मौजूद थे।
एडवोकेट एमआर शमशाद ने बोर्ड की तरफ से विधि आयोग को दिए गए जवाब और दलीलों से कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे को अवगत कराया। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता डॉ. कासिम रसूल इलियास ने इस मौके पर कहा कि कांग्रेस पार्टी देश की सबसे पुरानी और वर्तमान में विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी है। देश के अल्पसंख्यकों, आदिवासियों और न्यायप्रिय हिंदुओं की निगाहें इस मसले को लेकर कांग्रेस पार्टी पर टिकी हुई हैं। हमें उम्मीद है कि कांग्रेस पार्टी का यूसीसी पर मत पूरी तरह से स्पष्ट होगा।
उन्होंने कहा कि जहां तक देश के मुसलमानों का संबंध है तो हम यूसीसी को इस्लामी शरीअत और धर्म की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकारों में सीधी तरह से हस्तक्षेप मानते हैं। काग्रेस का वर्तमान रुख है कि हम बिल का ड्राफ्ट आने के बाद ही अपनी राय स्पष्ट करेंगे, हमारे नजदीक मसले को टालने की कोशिश है जबकि बीजेपी इसे आगामी चुनाव का मुद्दा बनाने की पूरी तैयारी कर चुकी है। इसलिए कांग्रेस पार्टी को अभी से ही यूसीसी पर अपना मत देश के सामने लाना चाहिए और इस मामले में अल्पसंख्यकों, आदिवासियों और अन्य धर्मों और समुदाय के लोगों का नेतृत्व करना चाहिए। बोर्ड महासचिव मौलाना मोहम्मद फजलुर्रहीम मुजदद्दी ने कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे को बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी का एक पत्र भी भेंट किया, जिसमें यूसीसी को लेकर चिंताएं व्यक्त की गई हैं।