-केंद्रीय मंत्री सिंह ने केरल में अपना कार्यक्रम रद्द किया, मणिपुर के लिए हुए रवाना
इंफाल,16 जून । इंफाल शहर में स्थित केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आरके रंजन सिंह के घर पर भीड़ ने घुस कर तोड़फोड़ की और आग लगा दी। इसकी जानकारी अधिकारियों ने जानकारी दी है। हमले की जानकारी मिलने के बाद कोच्चि में आज होने वाले अपने सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया।
केरल दौरे पर पहुंचे सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उनके घर को भीड़ ने जला दिया और यह कोई सांप्रदायिक मुद्दा नहीं था। उन्होंने कहा कि मेरा अपना घर जल गया है। वह मेरा अपने पसीने और मेहनत की कमाई से बनाया गया था। मैं भ्रष्ट नहीं हूं। इस शासन में कोई भी भ्रष्ट नहीं है। अगर यह कुछ धार्मिक था, तो मैं एक हिंदू हूं। हमलावर हिंदू थे। तो यह धार्मिक नहीं है। यह एक भीड़ है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह 3 मई से मणिपुर में जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद से शांति लाने और हिंसा रोकने की कोशिश कर रहे हैं। पूर्वोत्तर राज्य में झड़प सांप्रदायिक नहीं बल्कि दो समुदायों के बीच गलतफहमी के कारण हुई थी। मंत्री सिंह ने कहा कि सरकार ने शांति समिति का गठन किया है, प्रक्रिया जारी है। नागरिक समाज के नेता एक साथ बैठे हैं।
इस घटना के बाद भाजपा नेता आरकेरंजन सिंह ने केरल में अपने सभी पार्टी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया और घटना के बाद अपने गृह राज्य मणिपुर के लिए रवाना हो गए। इसी बीच अधिकारिकायों ने दावा किया कि सुरक्षा गार्ड और दमकलकर्मियों ने गुरुवार की रात भीड़ के आग लगाने के प्रयास को विफल कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि गुरुवार की दोपहर इंफाल शहर भीड़ ने दो घरों में आग लगा दी थी। यह घटना मणिपुर की रैपिड एक्शन फोर्स और भीड़ के बीच झड़प के बाद हुई।
इंफाल पूर्वी जिले में शुक्रवार तड़के तक गोलीबारी की आवाजें सुनी गयी। नागरिकों के मारे जाने की घटना को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे स्थानीय लोगों को तितर-बितर करने के लिए कई राउंड आंसू गैस के गोले दागे थे।
मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच शुरू हुआ खूनी संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस जातीय हिंसा में अब तक एक सौ से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। प्रशासन ने राज्य के 11 जिलों में अफवाहों को रोकने के लिए कर्फ्यू लगा दिया है और इंटरनेट सेवा 20 जून तक बंद कर रखी है। दरअसल, मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने को लेकर दोनों समुदायों के बीच हिंसक संघर्ष हो रहा है। मैतेई मणिपुर की आबादी का लगभग 53 प्रतिशत हैं और ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। जनजातीय- नागा और कुकी – आबादी का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और पहाड़ी जिलों में निवास करते हैं।