नई दिल्ली, 10 जुलाई । सुप्रीम कोर्ट ने दो हजार रुपये के नोट बिना किसी पहचान पत्र के बदलने के रिजर्व बैंक के आदेश के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दिया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा रिजर्व बैंक का फैसला एक नीतिगत मामला है। हम इसमें दखल नहीं देंगे।
29 मई को दिल्ली हाई कोर्ट ने पहले ही याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था। याचिका भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर की थी। याचिका दायर कर मांग की गई थी कि दो हजार रुपये के नोट बदलने वाले का नाम और पहचान पत्र लिए बिना ये नोट जमा नहीं किए जाने चाहिए ताकि काला धन रखने वालों की पहचान हो सके।
याचिका में कहा गया था कि रिजर्व बैंक का नोटिफिकेशन संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। दो हजार रुपये के नोट को बिना किसी मांग पर्ची और पहचान प्रमाण के जमा करने की अनुमति देना मनमाना, तर्कहीन और भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।
याचिका में कहा गया था कि रिजर्व बैंक और भारतीय स्टेट को निर्देश दिया जाए कि दो हजार के नोट किसी अन्य बैंक खाते की बजाय संबंधित बैंक खातों में ही जमा किए जाएं, ताकि कालाधन और आय से अधिक संपत्ति रखने वाले लोगों की पहचान की जा सके। याचिका में भ्रष्टाचार, बेनामी लेनदेन को खत्म करने और नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए केंद्र को कालेधन और आय से अधिक संपत्ति धारकों के खिलाफ उचित कदम उठाने का निर्देश देने की भी मांग की गई थी।