नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने स्पाइसजेट पर केवल 50% उड़ानों के संचालन के लिए लगा प्रतिबंध 29 अक्तूबर 2022 तक बढ़ा दिया। स्पाइसजेट के विमानों के बढ़ते हादसों को चलते यह फैसला लिया गया था। DGCA का कहना है कि इस प्रतिबंध के बाद स्पाइसजेट के हादसों में कमी आई है।
पिछले दिनों स्पाइसजेट की विमानों में आई तकनीकी खराबी के कारण कई उड़ानों को बीच रास्ते से लौटना पड़ा और यात्रियों को सफर में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इसे देखते हुए DGCA ने एयरलाइंस पर कार्रवाई की थी जो अब अक्टूबर तक जारी रहेगा। आठ सप्ताह के लिए 27 जुलाई को विमानन नियामक ने स्पाइसजेट की 50 फीसद उड़ानों की कटौती का आदेश दिया था।
बता दें कि जुलाई मे ही विमानन नियामक ने एयरलाइंस के खिलाफ कार्रवाई की थी। इसके तहत उड़ानों में 50 फीसद की कटौती कर दी गई थी, जिसे अगले माह तक बढ़ा दिया गया है। इसके तहत अगले माह की 29 तारीख तक एयरलाइंस की मात्र 50 फीसद उड़ानों का ही संचालन किया जाएगा।
आर्थिक संकट से गुजर रही है एयरलाइन
अपने स्टेटमेंट में एयरलाइन ने यह भी बताया कि एक तकनीकी खराबी आने के बाद बोइंग 737 मैक्स एयरक्राफ्ट दो जानलेवा क्रैश से बचा। इसके चलते मार्च 2019 से नवंबर 2020 के बीच इस एयरक्राफ्ट को ग्राउंड करना पड़ा। एयरलाइन पिछले 4 साल से घाटे में चल रही है। स्पाइसजेट को FY19, FY20, FY21 और FY22 में क्रमशः 316 करोड़ रुपए, 934 करोड़ रुपए, 998 करोड़ रुपए और 1,725 करोड़ रुपए का नेट लॉस हुआ है।