राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बेंगलुरु से एक संदिग्ध आतंकी को गिरफ्तार किया है। इसकी पहचान आरिफ के रूप में हुई है. आरिफ बेंगलुरु में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम कर रहा था. बताया जाता है कि वह दो साल अल-कायदा के संपर्क में था. एनआईए (NIA) ने आगे की जांच के लिए उसका लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त कर लिए हैं.
सूत्रों के अनुसार, वह इंटरनेट के जरिए आतंकियों से जुड़ा था. हालांकि, अभी तक किसी घटना में शामिल होने के सबूत नहीं मिले हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, वह जल्द ही ईरान और अफगानिस्तान के लिए रवाना होने वाला था. वहां जाकर वह आतंकी संगठन आईएस ज्वाइन करना चाहता था। आरिफ के देश छोड़ने से पहले ही आज राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ने उसे बेंगलुरु से गिरफ्तार कर लिया.
इससे पहले कोलकाता टास्क फोर्स ने बीते जनवरी के महीने में तीन संदिग्ध आईएसआईएस आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ही अब इस मामले की जांच कर रही है. एनआईए ने मंगलवार को कोलकाता की एक विशेष अदालत के समक्ष एफआईआर पेश की. याचिका पर सुनवाई के बाद, एनआईए के विशेष न्यायाधीश ने कोलकाता पुलिस एसटीएफ को आगे की जांच के लिए केस डायरी और सभी संबंधित दस्तावेज एनआईए अधिकारियों को सौंपने का निर्देश दिया था.
कोर्ट के इस आदेश के बाद अब से एनआईए ने जांच का जिम्मा संभाल लिया है. एनआईए सूत्रों के मुताबिक, तीनों आरोपी लंबे समय से एनआईए की मोस्ट वांटेड की सूची में थे. उनमें से दो, मो. सद्दाम और सैयद अहमद, पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले के निवासी हैं. एक और संदिग्ध आतंकवादी, अब्दुल रकीब कुरैशी को एसटीएफ ने मध्य प्रदेश के खंडवा से गिरफ्तार किया था.
अब्दुल रकीब कुरैशी को पहले तीन बार गिरफ्तार किया गया था और दोषी ठहराया गया था. उसे दो बार यूएपीए (UAPA) के तहत दोषी ठहराया गया था और वह लंबे समय तक जेल में रहा था. जेल से बाहर आने के बाद उसने फिर आईएसआईएस (ISIS) मॉड्यूल से संपर्क किया. वहीं गिरफ्तार संदिग्ध आतंकी (Terrorist) सद्दाम पिछले दो साल से आईएसआईएस के संपर्क में है.