रविवार, 17 जुलाई, 2022 को आयोजित नीट यूजी परीक्षा (NEET UG 2022) के दौरान छात्राओं से जबरन इनरवियर और ब्रा उतरवाने का मामला सामने आया है. ऐसा किसी एक या दो छात्राओं के साथ नहीं बल्कि सैकड़ों छात्राओं के साथ हुआ है. इतना ही नहीं, कई अन्य राज्यों से भी हिजाब, बुर्का और दुप्पट्टे उतरवाने के भी मामले सामने आए हैं.
परीक्षा देने पहुंची सैकड़ों बेटियों को नियमों के खिलाफ परीक्षा केंद्रों पर इस पर हरकत को मजबूरी में झेलना पड़ा. अपना करिअर दावं पर लगा होने के कारण उन्हें शर्मसार होना पड़ा. इसके खिलाफ छात्राओं और उनके परिजनों ने शिकायत दर्ज करवाई है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केरल के कोल्लम से एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है. केरल के कोल्लम में स्थित मोर्थम इंस्टीट्यूट ऑफ इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी में सख्ती के नाम पर रविवार को लगभग 100 छात्राओं को उस समय शर्मसार होना पड़ा जब उन्हें मेडिकल प्रवेश परीक्षा – नीट 2022 देने से पहले अपनी ब्रा उतारने के लिए कहा गया. जिसके बाद कई छात्राओं के परिजनों ने इस मामले को लेकर पुलिस में मामला दर्ज करवाया है. हालांकि, इंस्टीट्यूट ने इस घटना से पूरी तरह से इंकार किया है, लेकिन पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है.
परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने से पहले उन्हें जांच प्रक्रिया के दौरान मेटल डिटेक्शन स्टेज पर इनरवियर को हटाने के लिए कहा गया. छात्रों ने शिकायत की कि सबसे कठिन मेडिकल दाखिला परीक्षा का सामना करने के ठीक पहले उन्हें इस मानसिक आघात का सामना करना पड़ा.
परिजनों ने परीक्षा केंद्र के अधिकारियों की इस हरकत के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. प्राथमिक जानकारी के अनुसार लगभग 100 लड़कियों को इस स्थिति का सामना करना पड़ा. कोट्टारक्का के पुलिस उपाधीक्षक के कार्यालय में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई गई है. परीक्षार्थियों के अनुसार, रविवार को परीक्षा के बाद उनके अंडरगारमेंट्स को डिब्बों में भरकर एक साथ फेंके गए थे.
इसी प्रकार राजस्थान में कोटा के मोदी कॉलेज में चार मुस्लिम छात्राएं हिजाब पहनकर आई थीं, जिन्हें पुलिस द्वारा गेट पर ही रोक दिया गया था. पुलिस ने छात्राओं से हिजाब हटाने को कहा, लेकिन छात्राओं ने हिजाब हटाने से इनकार कर दिया. पुलिस ने ड्रेस कोड का हवाला देते हुए भी छात्राओं को बहुत समझाया लेकिन इसके बावजूद वे हिजाब हटाने को तैयार नहीं हुई. इसके बाद मामले को सुलझाने के लिए छात्राओं से लिखित में यह लिया गया कि परीक्षा को लेकर जो भी निर्णय लिया जाएगा, उसके लिए वे खुद जिम्मेदार होंगी.
परीक्षा केंद्र ने झाड़ा पल्ला
मामले के तूल पकड़ने पर केरल के अयूर चदायमंगलम में मार्थोमा इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ने यह कहते हुए जिम्मेदारी से इनकार किया है कि बाहरी एजेंसियों द्वारा तलाशी और बायोमेट्रिक जांच की गई थी. इसमें कॉलेज प्रबंधन के सदस्य शामिल नहीं थे. वहीं, ड्रेस कोड के अनुसार, छात्रों को परीक्षा हॉल में प्रवेश करते समय किसी भी धातु की वस्तु या सामान पहनने की अनुमति नहीं है. जबकि एडवाइजरी ब्रा और अंडरगारमेंट्स के बारे में बात नहीं करती है. यानी कि जांच का यह तरीका सरासर गलत और नियम विरूद्ध है.