थोक पटाखा बाजार में ग्राहकों की बढ़ी भीड़
कोरोना के डर पर दीवाली का उत्साह भारी
मोहम्मद अली रोड पर जुट रहे राज्य के व्यापारी
मुंबई- दीवाली की आहट ने दक्षिण मुंबई के थोक पटाखा बाजार में रौनक ला दी है. प्रदेश के हर जिले और तालुकाओं से पटाखा कारोबारियों की मुंबई में जुटती भीड़ ने आगामी दीवाली के हंगामेदार होने के संकेत दे दिए हैं. पिछले लगभग 8 महीने से कोरोना के डर के साये में रहने वाले लोगों में दीवाली का उत्साह दिखने लगा है. दक्षिण मुंबई का मोहम्मद अली रोड महाराष्ट्र का ही नहीं अन्य पड़ोसी राज्यों का भी सबसे बड़ा पटाखा बाजार माना जाता है. देश में तमिलनाडु का शिवकाशी शहर सबसे बड़े पटाखा उत्पादक शहर है. यहां का 80 प्रतिशत माल मुंबई में खपता है.
महानगर की जिंदादिली हमेशा से अन्य शहरों के लिए प्रेरणास्रोत रही है. लोकल बम विस्फोट हो, मुंबई पर आतंकवादी हमला हो या अन्य प्राकृतिक आपदाओं का संकट रहा हो, मुंबई कभी रुकी नहीं, कभी थमी नहीं। लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना ने मुंबई के सदियों के इतिहास को ध्वस्त कर दिया। पहली बार कभी भी न सोने वाला शहर लगभग 6 महीने मौन और शांत रहा. पटाखा व्यवसायियों को आशंका थी कि इस साल की दिवाली कोरोना काल में पटाखों के बिना ही मनाई जाएगी। लेकिन अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में मुंबई के थोक पटाखा बाजार में पटाखों की बिक्री में तेजी आई है। मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई, रायगढ़, नासिक, पुणे और रत्नागिरि के थोक और फुटकर विक्रेताओं की मोहम्मद अली रोड पर जमघट लगना शुरू हो गया है. शहर और राज्य में कोरोना संक्रमण पर अंकुश लगने से लोगों में दीवाली का उत्साह है. अकसर गणेशोत्सव के बाद से ही दिवाली के लिए पटाखों की मांग शुरू होती है। दशहरे के बाद तो बाजार में उछाल आता है. गणेशोत्सव में शांति के बाद नवरात्रि में कोरोना के मामलों में गिरावट के बाद पटाखा कारोबार में तेजी आने लगी है।