मुंबई। कोरोना संकट के दौरान आर्थिक व प्रशासनिक निर्णय लेने के लिए मनपा आयुक्त को दिए गए विशेष अधिकार को रद्द करने की मांग भाजपा ने की है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि मनपा प्रशासन मनमानी ढंग से फैसले ले रहा है। कोरोना काल में अब तक खर्च 1632 करोड़ रुपये सुविधा देने के नाम पर खर्च किया जा चुका है. इसके बावजूद और 400 करोड़ खर्च करने की अनुमति मनपा प्रशासन को सत्ताधारी शिवसेना ने दे दी है।
मनपा को कटघरे में खड़ा करते हुए आरोप लगाया गया कि मनपा प्रशासन इसके पहले खर्च किए गए पैसों का हिसाब नहीं दे रही है। इसके बावजूद उसे अतिरिक्त 400 करोड़ रूपये दे दिए गए. भाजपा मनपा गुट के नेता प्रभाकर शिंदे ने इस संबंध में स्थायी समिति की बैठक में यह मुद्दा उठाने के लिए सूचना दी है। इसके पहले भी मनपा प्रशासन एवं शिवसेना की मिलीभगत के कई भ्रष्टाचार के मामले सामने आए हैं।
कई कामों के ठेके मनपा प्रशासन शिवसेना नेताओं के करीबियों को दे चुकी है. इसलिए कोरोना संकट के दौरान मनपा आयुक्त, अतिरिक्त आयुक्त, उपायुक्त, सहायक आयुक्त, डीन व सुपरिटेंडेंट को आर्थिक व प्रशासनिक मंजूरी के लिए दिए गए विशेष अधिकारों को रद्द किया जाना चाहिए।
गौरतलब हो कि मुंबई में कोरोना फैलने के बाद 17 मार्च 2020 को स्थायी समिति ने कोरोना के खिलाफ प्रतिबंधात्मक उपाय योजना के लिए खर्च होनेवाली अतिरिक्त राशि को खर्च करने का अधिकार मनपा आयुक्त व अन्य अधिकारियों को दिया था। साथ ही यह भी अधिकार दिया गया है कि किसी आवश्यक काम के लिए टेंडर मंगाने की बजाए एक-दो दिन के अंदर कोटेशन मंगा कर सामान खरीद सकते हैं। इसकी आड़ में मनपा आयुक्त एवं अन्य अधिकारी कोरोना से निपटने के लिए अपने हिसाब से खर्च कर रहे हैं।