मुंबई। पश्चिम रेलवे ने ट्रेसपासिंग की प्रवृत्ति को नियंत्रित करने के लिए कई उपाय किए हैं, जिनके कारण मुंबई उपनगरीय खंड पर रन ओवर और हताहत होने के मामलों में उल्लेखनीय कमी आई है। वर्ष 2019-20 में 528 दुर्घटनाएं हुई थीं, जो वर्ष 2020-21 में घटकर 222 हो गईं।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर के अनुसार ट्रेसपासिंग के मामलों के नियंत्रण के लिए रेल सुरक्षा बल एवं सिविल इंजीनियरिंग विभाग के साथ मिलकर अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाये गए हैं। हाल ही में रेलवे द्वारा 15.6 किलो मीटर बॉउंड्री वाल का निर्माण करते हुए मुंबई उपनगरीय खंड पर कुल 107.89 किलोमीटर बॉउंड्री वाल का निर्माण किया जा चुका है।
33 स्थानों पर निजी सुरक्षा व्यवस्था के साथ गेट उपलब्ध कराये गए हैं. सभी स्टेशनों पर पटरियों के बीच में पर्याप्त ऊंचाई के डिवाइडर लगाए गए हैं। 145 स्थानों पर सुरक्षित बोर्डिंग व डी-बोर्डिंग के लिए प्लेटफॉर्मों की ऊंचाई को बढ़ाया गया है। ट्रेसपासिंग रोकने के लिए वर्ष 2020-21 में 64 तथा चालू वर्ष में 7 बाउंड्री वॉल गैप को बंद किया गया है। मार्च तक मुंबई में 276 अनधिकृत अतिक्रमण हटाए गए हैं।
ट्रेसपासिंग से होने वाली मृत्यु के आंकड़ों में पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 57.95 फीसदी की कमी आई है। पटरी पार करने वालों के खिलाफ अभियान चलाकर वर्ष 2020 और 21 में अप्रैल तक क्रमश: 10,600 और 3,400 व्यक्तियों पर मुकदमा चलाया गया। इसमें मनपा और वीवीएमसी अधिकारियों के साथ समन्वय बैठकें आयोजित की जाती हैं। वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग यात्रियों के लिए हेल्प डेस्क भी लगाए गए हैं। प्राथमिक चिकित्सा सुनिश्चित करने के लिए स्टेशनों पर इमरजेंसी मेडिकल रूम खोला गया है। संभावित ट्रेसपासिंग के स्थानों पर 108 एम्बुलेंस सुविधा प्रदान की गई है और आन ड्यूटी स्टेशन मास्टर द्वारा इसकी उपलब्धता पर 24 घंटे निगरानी रखी जाती है।