5000 बेड वाले अस्पताल पर मनपा ने खड़े किए हाथ , मनपा आयुक्त ने लिखा सरकार को पत्र
मुंबई-वैश्विक महामारी कोरोना के चलते जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त होने के साथ ही सरकार के प्रबंधन तंत्र पर भी बड़ा असर पड़ा है. कोरोना संक्रमण से सबक लेते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने महानगर में 5000 बेड वाले वृहत अस्पताल का सपना देखते हुए मुंबई मनपा को संक्रामक रोग से निपटने के लिए विशेष अस्पताल स्थापित करने के लिए आदेश दिया था. इसके लिए जगह की तलाश शुरू करते हुए मुलुंड और भांडुप में दो बड़े भूखंड निर्धारित किए गए हैं. लेकिन मौजूदा वित्तीय स्थिति को देखते हुए मनपा आयुक्त इक़बाल सिंह चहल ने हाथ खड़ा करते हुए राज्य सरकार को पत्र लिखकर भविष्य में अस्पताल के संचालन की जिम्मेदारी राज्य सरकार को लेनी की बात कही है क्योंकि इसमें आने वाली लागत वह वहन नहीं कर सकती. चहल के अनुसार जब मुंबई में कोरोना का प्रकोप शुरू हुआ तो मनपा को संक्रामक रोग अस्पताल कस्तूरबा अस्पताल पर निर्भर रहना पड़ा। इसलिए मुख्यमंत्री ने मुंबई में 5,000 बेड के संक्रामक रोग के अस्पताल की स्थापना की घोषणा की और नगर निगम को जिम्मेदारी सौंपी। इसके लिए बनाई गयी संबंधित समिति ने कहा है कि मुलुंड में 91 हजार 914 वर्ग मीटर का एक भूखंड इस अस्पताल के लिए उपयुक्त होगा। हालांकि अभी यह तय नहीं हो पाया है कि अस्पताल के लिए कौन सा प्लॉट लेना उपयुक्त रहेगा। आयुक्त ने राज्य सरकार को भेजे पत्र में कोरोना के कारण मनपा की खस्ताहाल हुई वित्तीय स्थिति का हवाला दिया है।
लागत को लेकर छूटे पसीने
5000 बेड वाले इस संक्रामक अस्पताल के निर्माण पर लगभग 127 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत लगेगी। इतनी बड़ी रकम वहन करना मनपा के वश में नहीं है. अस्पताल और अनुसंधान केंद्र के लिए कुल 82 लाख 55 हजार 450 वर्ग फीट का निर्माण किया जाएगा। चहल ने इसी के आधार पर पत्र में कहा है कि मौजूदा वित्तीय स्थिति को देखते हुए मनपा के लिए इतनी बड़ी लागत वहन करना संभव नहीं है।