जान बचाने के लिए निकालनी पड़ रहीं मरीजों की आंखें
मुंबई: कोरोना से लड़ते हुए शरीर में इम्युनिटी कम हो जाती है. ऐसे में मरीज जब अस्पताल से घर आता है तो वह म्यूकोरमाइकोसिस बीमारी का शिकार हो जाता है. पहले यह सूरत, अहमदाबाद, दिल्ली, जयपुर जैसे शहरों में फैला अब इसका संक्रमण महाराष्ट्र में तेजी से हो रहा है.
इस बीमारी में मरीज के बचने की संभावना 50 प्रतिशत ही होती है. और जान बचाने के लिए मरीज की आंखें निकालनी पड़ती है. उत्तर महाराष्ट्र और विदर्भ क्षेत्र में म्यूकोरमाइकोसिस के कई मरीज सामने आए हैं. इस बीमारी का इलाज भी बहुत महंगा होता है. इसलिए कोरोना के बाद म्यूकोरमाइकोसिस एक नया संकट उभर कर सामने आया है.
म्यूकोरमाइकोसिस का इलाज मुंबई के परेल में स्थित अस्पताल में होता है. वर्तमान में यहां 31 मरीजों का इलाज शुरू है. इनमें से 25 मरीज मुंबई से बाहर के हैं. ग्लोबल हॉस्पिटल के डॉक्टर मिलिंद नवलाखे के मुताबिक राज्य सरकार को इस बीमारी को लेकर तत्काल सावधान हो जाना चाहिए और संकट बढ़ने से पहले ही इससे जुड़े उपायों और सुविधाओं से जुड़ी तैयारियां कर लेनी चाहिए.