मनपा की कार्यप्रणाली पर ‘कैग’ ने उठाए सवाल
अनावश्यक योजनाओं से स्वास्थ्य योजनाएं प्रभावित
मुंबई-भारतीय नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी-कैग) ने मनपा की सुस्त कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है. इशारा करते हुए कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कुछ अनावश्यक स्वास्थ्य योजनाओं के कारण अन्य जरूरी स्वास्थ्य योजनाओं पर व्यापक असर पड़ा है. परिणामस्वरूप वर्ष 2018-19 में योजनाओं के लिए आवंटित धन का केवल 15 प्रतिशत ही उपयोग किया गया है।
कोरोना काल में सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली कमजोर नजर आयी. इसके पीछे के कारणों को कैग के 2018-19 ऑडिट में रेखांकित किया जा रहा है। 2018-19 के लिए मनपा के बजट में आवंटित धन में से सबसे कम खर्च स्वास्थ्य कार्यक्रमों के लिए किया गया है। मनपा ने इसके लिए 7 करोड़ 49 लाख रुपये (पूंजीगत व्यय अलग से) आवंटित किए थे लेकिन साल के दौरान केवल 1 करोड़ 14 लाख ही खर्च किए गए। बजट में पिछले वर्ष में किए गए व्यय के अनुपात में प्रावधान में किया गया है। लेकिन मनपा द्वारा इसे नजरअंदाज किए जाने से बड़ी मात्रा में निधि वैसी ही पड़ी रही. 2015 से 2017 तक पोलियो टीकाकरण के लिए 1 करोड़ 10 लाख रुपये, 1 करोड़ 99 लाख रुपये और 1 करोड़ 57 लाख रुपये ख़र्च किये गए. 2018-19 के बजट में मनपा ने 5 करोड़ 20 लाख रुपये आवंटित किए हैं। लेकिन वास्तव में 89 लाख रुपये अर्थात 17 प्रतिशत ही खर्च किए गए थे, बाकी निधि वापस चली गयी. गैर संक्रमित रोगों के के लिए 2016 में 18 लाख रुपये और 2017 में 36 लाख रुपये खर्च किए गए। फिर भी 2018-19 के बजट में इसके लिए केवल 20 लाख रुपये प्रदान किए गए थे। इसलिए पूरे वर्ष में इस फंड का 98 प्रतिशत का उपयोग किया गया है।
चिकित्सा उपकरण आदि के लिए 10 प्रतिशत निधियों का उपयोग
चिकित्सा उपकरण प्रबंधन के लिए 2015 से 2018 के बीच 1 लाख रुपये खर्च किये गए है। जबकि 2018-19 में 75 लाख रुपये का प्रावधान किया गया था। उसमें से केवल 6 लाख रुपये ही खर्च हुए।वर्ष 2015 से 2017 तक के वर्षों में बेडशीट, चादर और मरीज के कपड़ों पर क्रमशः 15 लाख, 14 लाख और 11 लाख रुपये खर्च किए गए। जबकि इसके लिए 1 करोड़ 20 लाख रुपये का प्रावधान किया गया था। 2015 से 2017 तक ईंधन के लिए हर साल 8 करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद बजट में केवल 6 लाख रुपये की व्यवस्था की गयी. जबकि वास्तविक खर्च 8 करोड़ 79 लाख रुपये हुए है। इस तरह से अनेक कमियों पर कैग ने सवाल खड़े किये हैं