…तो 21 सितंबर से खुल जाएंगे स्कूल
कड़े नियमों और शर्तों के साथ मिलेगी मंजूरी
मुंबई, पिछले 6 महीने से बंद पड़े स्कूल कॉलेजों को एक बार फिर से खोलने की कवायद शुरू हो गई है। यदि सब कुछ ठीकठाक रहा तो सरकार 21 सितंबर से स्कूलों और कॉलेजों को कुछ दिशा निर्देशों के साथ फिर से खोलने की अनुमति दी जाएगी। वैश्विक महामारी कोरोना के कारण देश भर में जारी लॉकडाउन के तहत स्कूल और कॉलेज सब बंद कर दिये गए थे। लेकिन अब जब अनलॉक की प्रकिया चल रही है तो धीरे धीरे अनेक क्षेत्रों के साथ शिक्षण संस्थानों को भी खोलने की तैयारी है। इसी के अंतर्गत स्कूल कॉलेज भी खोलने की बात की जा रही है। केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि स्कूल 21 सितंबर से शुरू होंगे। लेकिन इस निर्णय का बच्चों के अभिभावकों द्वारा साथ ही राज्य सरकारों द्वारा विरोध किए जाने की संभावना जताई जा रही है।
जानकारी के अनुसार पिछले चार से पांच महीनों से स्कूल, रेलवे और अन्य महत्वपूर्ण संस्थान बंद हैं। लेकिन अनलॉक प्रक्रिया के तहत अब स्कूलों को भी शुरू करने की अनुमति दी गई है। जिसके अनुसार कक्षा 9 वीं से 12 वीं के छात्र शिक्षकों से मार्गदर्शन के लिए स्कूलों में जा सकेंगे। लेकिन इसके साथ छात्रों को माता-पिता की अनुमति पत्र की भी आवश्यकता होगी। इस मामले में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन अनिवार्य है। अन्य कक्षाओं के छात्रों के लिए ऑनलाइन शिक्षा अर्थात डिस्टेंस लर्निंग की अनुमति दी गई है।
भले ही केंद्र सरकार ने 9वीं से 12वीं तक कक्षा के छात्रों के लिए अनुमति दी हो, लेकिन यह कहना मुश्किल है कि इसके लिए राज्य सरकार तैयार होंगे। दिल्ली, हरियाणा, बिहार और उत्तर प्रदेश राज्यों ने स्कूलों को शुरू करने के लिए तत्परता दिखाई है। लेकिन महाराष्ट्र में फैसला अभी राज्य सरकार को ही करना है। इसलिए अभी यह स्पष्ट नहीं है कि महाराष्ट्र में स्कूल शुरू किए जाएंगे या नहीं।
स्कूलों के लिए इन नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।
कंटेन्मेंट ज़ोन के अलावा अन्य इलाक़ों में स्कूलों को खोलने की अनुमति होगी। लेकिन कंटेन्मेंट जोन या रेड जोन में रहने वाले छात्रों और शिक्षकों को स्कूल जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
स्कूलों में किसी भी गतिविधि को शुरू करने से पहले, कक्षाओं, प्रयोगशालाओं, विद्यालय परिसर के क्षेत्रों में 1% सोडियम हाइपोक्लोराइट घोल का छिड़काव करना होगा।
लगातार स्पर्श होने वाले शरीर के भाग पर बार-बार सफाई करनी होगी।
शिक्षा और गैर-शिक्षण कर्मचारी (50 प्रतिशत तक ही) को स्कूलों में ऑनलाइन शिक्षण या टेली-काउंसलिंग या अन्य गतिविधियों के लिए बुलाया जाएगा।
शिक्षकों और छात्रों के लिए हर समय सामाजिक दूरी का पालन करना अनिवार्य होगा।
दो व्यक्तियों के बीच कम से कम 6 फीट की दूरी होनी चाहिए, इसलिए स्कूलों में बैठने की व्यवस्था कोरोना के नियमों के अनुसार की जानी चाहिए।