शरद पवार का बीजेपी की ओर नरम रुख और उद्धव ठाकरे के साथ मीटिंग के सवाल पर अबू आजमी ने कहा कि शरद पवार महाराष्ट्र और देश के बहुत बड़े नेता हैं, वे धर्मनिरपेक्ष को समझते हैं। इसलिए उन्होंने महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी बनाने में अहम भूमिका निभाई। अगर वे भी बीजेपी के साथ चले जाएंगे तो सोचिए महाराष्ट्र में धर्मनिरपेक्ष का क्या होगा? कौन भरोसा करेगा? मुसलमानों का क्या होगा?
शरद पवार का बीजेपी के प्रति नरम रुख और ईडी से अजित पवार को एमसीबी बैंक घोटाले में क्लीनचिट पर अबू आजमी ने कहा कि सभी एक थाली के चट्टे-बट्टे हैं। ईडी और सीबीआई के डर से बीजेपी दवाब में आ रहे हैं और इस तरह की राजनीति से देश का नुकसान हो रहा है अबू आजमी ने कहा कि बीजेपी सिर्फ ‘सबका साथ और सबका विकास’ का ढोंग करती है। अगर ऐसा होता तो वो महंगाई और बेरोज़गारी कम करने के मुद्दे पर बात करते लेकिन जब चुनाव पास आया है..तो वोटों का ध्रुवीकरण करने के लिए बीजेपी तुरंत हिन्दू-मुस्लिम करने लगती है। बीजेपी के इशारे पर एकनाथ शिंदे भी चल रहे हैं इसलिए वे भी ट्रेन भरकर अयोध्या चले गए। जब राज्य का मुखिया ही इस तरह की हरकत करेगा तो फिर राज्य के अल्पसंख्यकोंका क्या?धर्मनिरपेक्ष का क्या?
आजमी ने कहा- अयोध्या में कहा गया कि बाबरी मस्जिद एक मंदिर को गिराकर बनाया गया था। अगर मुगलों को यह करना होता तो वे अयोध्या के सभी मंदिर तोड़ देते। लेकिन यह सब सुप्रीम कोर्ट को नहीं दिखा। सरकार चाहे केंद्र की हो या राज्य की दोनों का काम सिर्फ मुस्लिम को डराना है और अशांति फैलानी है।समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने उद्धव ठाकरे और शरद पवार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा सभी एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं। ईडी और सीबीआई के डर से बीजेपी के दबाव में आ रहे हैं जिससे देश का नुकसान हो रहा है। अबू आजमी ने कहा कि इस समय महाराष्ट्र में इस बात की होड़ चल रही है कि कौन सबसे बड़ा हिंदुत्ववादी है। उद्धव ठाकरे जो कल तक महाविकास अघाड़ी में आने के चलते सॉफ्ट हिंदुत्व पर चले गए थे, अब उन्हें भी वोटबैंक खिसकने का डर है। अब वे भी 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बाबरी मस्जिद मामले में क्रेडिट लेने लगे हैं।