महापौर पेडणेकर के खिलाफ बड़ा चक्रव्यूह
अगले सप्ताह भाजपा लाएगी अविश्वास प्रस्ताव
मुंबई, महापौर किशोरी पेडणेकर के खिलाफ अगले सप्ताह भाजपा अविश्वास प्रस्ताव लाने जा रही है। मनपा में पार्टी के गुट नेता प्रभाकर शिंदे को इसके लिए प्रदेश के शीर्ष नेताओं की हरी झंडी भी मिल गई है। किशोरी पेडणेकर पर आरोप है कि उन्होंने
कोरोना संकट के दौरान अपने बेटे व पार्टी नेताओं के रिश्तेदारों को गलत तरीके से काम का ठेका दिलाया है।
एसआरए इमारत में प्राइवेट कंपनी का कार्यालय नहीं खुल सकता इसको आधार बनाते हुए बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने महापौर को कटघरे में खड़ा किया है।
कोरोना संकट के दौरान अपने बेटे व पार्टी नेताओं के रिश्तेदारों को काम का ठेका दिलाने का आरोप लगाते हुए बीजेपी ने महापौर किशोरी पेडणेकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया है। मनपा में गुट नेता प्रभाकर शिंदे के मुताबिक, अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सभी दलों के नेताओं से चर्चा के बाद निर्णय लिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार शुक्रवार को बीजेपी नेताओं ने बीएमसी में नेता विपक्ष रवि राजा से मुलाकात की और अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने की जानकारी दी। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक सबकुछ ठीक रहा, तो अगले सप्ताह सोमवार को मेयर को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया जाएगा। बीजेपी ने किशोरी पेडणेकर पर बीएमसी का ठेका बेटे की कंपनी को दिलाने का आरोप लगाया है।
एसआरए इमारत में गड़बड़ी का ऑफिस
भाजपा नेता किरीट सोमैया ने महापौर पर आरोप लगाया है कि जिस एसआरए बिल्डिंग में कंपनी का पता दर्ज है, उस पते पर कई और कंपनियों के नाम दर्ज है। खास बात यह है कि एसआरए इमारत में प्राइवेट कंपनी कार्यालय नहीं खुल सकता। यह बड़ा घोटाला है। साथ ही, कोरोना संकट के दौरान बड़े पैमाने पर सामान खरीदी में भ्रष्टाचार किया गया है। सेनेटाइजर, मास्क व डेडबॉडी किट में भी घोटाले का बीजेपी ने आरोप लगाया है। बीजेपी के आरोप के बाद राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने बीकेसी में एमएमआरडीए द्वारा बनाए गए कोविड सेंटर निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप की जांच लोकायुक्त से कराने की सिफारिश की है।
मनपा में शिवसेना- बीजेपी के आंकड़े
वर्तमान समय में मनपा में शिवसेना के 92 नगरसेवक हैं, जबकि बीजेपी के पास 82 की संख्या है। ऐसे में शिवसेना के साथ राज्य की सत्ता में शामिल कांग्रेस, राकांपा क्या बीजेपी के साथ जाएगी यह सबसे बड़ा सवाल है। सपा के बीजेपी के साथ जाने की कोई उम्मीद नहीं है। बीजेपी के अविश्वास प्रस्ताव पर यदि कांग्रेस-राकांपा तटस्थ रहती है, तो भी मेयर को कोई खतरा नहीं होगा।
मुंबई, महापौर किशोरी पेडणेकर के खिलाफ अगले सप्ताह भाजपा अविश्वास प्रस्ताव लाने जा रही है। मनपा में पार्टी के गुट नेता प्रभाकर शिंदे को इसके लिए प्रदेश के शीर्ष नेताओं की हरी झंडी भी मिल गई है। किशोरी पेडणेकर पर आरोप है कि उन्होंने
कोरोना संकट के दौरान अपने बेटे व पार्टी नेताओं के रिश्तेदारों को गलत तरीके से काम का ठेका दिलाया है।
एसआरए इमारत में प्राइवेट कंपनी का कार्यालय नहीं खुल सकता इसको आधार बनाते हुए बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने महापौर को कटघरे में खड़ा किया है।
कोरोना संकट के दौरान अपने बेटे व पार्टी नेताओं के रिश्तेदारों को काम का ठेका दिलाने का आरोप लगाते हुए बीजेपी ने महापौर किशोरी पेडणेकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया है। मनपा में गुट नेता प्रभाकर शिंदे के मुताबिक, अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सभी दलों के नेताओं से चर्चा के बाद निर्णय लिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार शुक्रवार को बीजेपी नेताओं ने बीएमसी में नेता विपक्ष रवि राजा से मुलाकात की और अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने की जानकारी दी। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक सबकुछ ठीक रहा, तो अगले सप्ताह सोमवार को मेयर को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया जाएगा। बीजेपी ने किशोरी पेडणेकर पर बीएमसी का ठेका बेटे की कंपनी को दिलाने का आरोप लगाया है।
एसआरए इमारत में गड़बड़ी का ऑफिस
भाजपा नेता किरीट सोमैया ने महापौर पर आरोप लगाया है कि जिस एसआरए बिल्डिंग में कंपनी का पता दर्ज है, उस पते पर कई और कंपनियों के नाम दर्ज है। खास बात यह है कि एसआरए इमारत में प्राइवेट कंपनी कार्यालय नहीं खुल सकता। यह बड़ा घोटाला है। साथ ही, कोरोना संकट के दौरान बड़े पैमाने पर सामान खरीदी में भ्रष्टाचार किया गया है। सेनेटाइजर, मास्क व डेडबॉडी किट में भी घोटाले का बीजेपी ने आरोप लगाया है। बीजेपी के आरोप के बाद राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने बीकेसी में एमएमआरडीए द्वारा बनाए गए कोविड सेंटर निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप की जांच लोकायुक्त से कराने की सिफारिश की है।
मनपा में शिवसेना- बीजेपी के आंकड़े
वर्तमान समय में मनपा में शिवसेना के 92 नगरसेवक हैं, जबकि बीजेपी के पास 82 की संख्या है। ऐसे में शिवसेना के साथ राज्य की सत्ता में शामिल कांग्रेस, राकांपा क्या बीजेपी के साथ जाएगी यह सबसे बड़ा सवाल है। सपा के बीजेपी के साथ जाने की कोई उम्मीद नहीं है। बीजेपी के अविश्वास प्रस्ताव पर यदि कांग्रेस-राकांपा तटस्थ रहती है, तो भी मेयर को कोई खतरा नहीं होगा।
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