वरिष्ठ कांग्रेसी नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे को लेकर बड़ा बयान दिया है। सुरजेवाला ने कहा कि कैप्टन को हाईकमान ने नहीं बल्कि उनके साथी 78 विधायकों ने ही हटाया है।
चंडीगढ़ में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में सुरजेवाला ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ 78 विधायक थे, जिन्होंने कांग्रेस हाई कमांड को उनके खिलाफ बोला था। सुरजेवाला ने कहा कि पहली बार पंजाब में कोई युवा दलित मुख्यमंत्री बना है।
ध्यान देने वाली बात है कि गृहमंत्री अमित शाह से कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुलाकात पर नाराज चल रहे पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने भी निशाना साधा है। हरीश रावत ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा ही कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनके परिवार का सम्मान में रखा है।
वर्ष 1998 में पटियाला से हारने के बाद भी उन्हें कांग्रेस पार्टी में शामिल कर लिया गया। कैप्टन को दो बार पंजाब का मुख्यमंत्री बनाया गया और इस दौरान उन्हें पूरी छूट दी गई थी। कैप्टन फार्म हाउस से सरकार और पार्टी चला रहे थे। इस दौरान कैप्टन बरगदी, ड्रग्स, बिजली आदि जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने वादों को निभाने में विफल रहे।