टोक्यो पैरालंपिक्स में इतिहास रचते हुए शूटर अवनि लेखरा ने भारत को गोल्ड दिलाया है. अवनि पैरालंपिक में गोल्ड जीतने वालीं पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं. 19 साल की इस शूटर ने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल के क्लास एसएच1 में पहला स्थान हासिल किया. पैरालंपिक्स के इतिहास में शूटिंग में यह पहला गोल्ड मेडल है. इसी जीत के साथ अवनि ने यूक्रेन की इरियाना शेतनिक के वर्ल्ड रिकॉर्ड की भी बराबरी कर ली है. शेतनिक ने 2018 में सर्बिया में 249.6 का स्कोर किया था.
जयपुर की रहने वाली अवनि ने फाइनल में 249.6 अंक बनाकर विश्व रिकॉर्ड की बराबरी की और पहला स्थान प्राप्त किया. उन्होंने चीन की झांग कुइपिंग (248.9 अंक) को परास्त किया. यूक्रेन की इरियाना शेतनिक (227.5) को कांस्य पदक मिला है.
अवनि पैरालंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं. साथ ही भारत का इन खेलों की निशानेबाजी प्रतियोगिता में भी पहला पदक है. टोक्यो पैरालंपिक में भी यह देश का पहला स्वर्ण पदक है. पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली यह तीसरी भारतीय महिला हैं.
अवनि लेखरा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है. उन्होंने कहा कि अभूतपूर्व प्रदर्शन अवनि लेखरा आपके मेहनती स्वभाव और शूटिंग के प्रति जुनून के कारण संभव हुआ, कड़ी मेहनत और अच्छी तरह से योग्य स्वर्ण जीतने के लिए बधाई. यह वास्तव में भारतीय खेलों के लिए एक विशेष क्षण है. आपके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं.
राजस्थान की राजधानी जयपुर की रहने वाली अवनि की ज़िंदगी साल 2012 में महज़ 12 साल की उम्र में तब बदल गई थी जब एक दुर्घटना में उन्हें लकवा मार गया था. इसके बाद वो व्हीलचेयर के सहारे ही चल पाती थीं लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और शूटिंग में अपनी किस्मत आज़माई जहां उन्होंने लगातार सफलताएं हासिल कीं.