फरीदाबाद, 14 जुलाई । यमुना का बढ़ता जलस्तर दिल्ली के साथ-साथ फरीदाबाद के गांवों के लिए भी परेशानी का सबब बन गया है। दिल्ली में जहां सड़कों पर यमुना का पानी उतर गया है वहीं जिले के गांवों में पानी का बढ़ते जलस्तर ने लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है। जिला प्रशासन को जलभराव से लोगों को बाहर निकालने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। इसी कड़ी में प्रशासन ने गुरुवार रात्रि करीब ढाई हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला।
जिला उपायुक्त विक्रम सिंह ने बताया कि इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए पिछले चार दिनों से प्रशासन की टीमें, एनडीआरए एवं एसडीआरएफ की मदद ली जा रही है। सभी टीमें मुस्तैदी से कार्य कर रही हैं। अब तक सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा चुका है। यमुना के तटबंध पर तीन स्थानों पर तटबंध को मजबूत करने के लिए पत्थर, रेत के कट्टे और मिट्टी लगाकर मजबूत किया गया है, जबकि वहां निरंतर पेट्रोलिंग भी की जा रही है ताकि किसी भी तरह की स्थिति से निपटा जा सके। लोगों के साथ-साथ राहत बचाव दल की टीमें पशुओं को भी बचाने में जुटी हुई हैं और भुपानी-महावतपुर क्षेत्र से गौशाला से सैकड़ों गायों को भी अब तक सुरक्षित निकाला गया है। बसंतपुर कालोनी को पूरी तरह से खाली करवाकर यहां रहने वाले 1500 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला गया और उन्हें एक सप्ताह से वार्निंग भी दी जा रही थी।
सिंह ने बताया कि जलभराव में करंट आदि की संभावना के मद्देनजर बसंतपुर से सभी बिजली के कनेक्शन हटवाए गए हैं तथा दिल्ली के डीएम से बात कर दिल्ली क्षेत्र की बिजली लाइनें भी हटवाई गई हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की 25 से ज्यादा टीमें बनाकर सभी गांवों में तैनात की गई है, जो लोगों को जरूरी दवाएं उपलब्ध करवा रही है। जिन गांवों में पीने के पानी की किल्लत है, वहां पानी के टैंकरों की व्यवस्था करवाई गई है। सभी शेल्टर होम में खाने की व्यवस्था की गई, रेडक्रास सहित कई टीमों को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। सभी एसडीएम को मौके पर ही कैंप करने के निर्देश दिए गए हैं।