दिल्ली उच्च न्यायालय ने पुलिस को स्पष्ट निर्देश दिया है कि अगर दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) के अनुसार लोगों के एकत्रित होने पर रोक है तो मुख्यमंत्री आवास के बाहर से प्रदर्शनकारियों को हटाया जाए। उच्च न्यायालय ने पुलिस से कहा आपको प्रदर्शनकारियों के लिए पहले उचित आदेश जारी करना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि डीडीएमए के निर्देश का उल्लंघन होने पर अगर कोई कार्रवाई नहीं की गई तो इससे गलत संदेश जाएगा।
दिल्ली के CM आवास के बाहर शहर के महापौर एवं भाजपा शासित तीनों नगर निगमों के कुछ वरिष्ठ नेता प्रदर्शन कर रहे हैं। गुरुवार को उन्होंने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी। वे मांग कर रहे हैं कि सरकार निगमों का बकाया कोष जारी करे। कोष को लेकर चल रहे नगर निगम के नेताओं के धरने को सात दिन हो गए हैं। दिल्ली से लोकसभा सदस्य मीनाक्षी लेखी का दावा है कि AAP का उत्तर दिल्ली नगर निगम में 2500 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप गलत है। दीवारों पर पोस्टर लगाकर 2500 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया जा रहा है जिनमें न नाम है, न फोटो है और इन आरोपों की कोई भी जिम्मेदारी नहीं ले रहा है।
दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे शहर के महापौर और कुछ भाजपा नेताओं के प्रदर्शन पर हाईकोर्ट ने अहम निर्देश दिया है। शुक्रवार को कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया कि जब कोरोना महामारी के कारण प्रदर्शन पर रोक है तो सीएम आवास के बाहर बैठे लोगों को वहां से शिफ्ट करें। हाईकोर्ट ने पुलिस से कहा कि अगर डीडीएमए का आदेश है कि यहां 31 दिसंबर तक कोरोना महामारी के चलते धरना प्रदर्शन नहीं हो सकता. कार्रवाई न करने से पूरी तरह गलत संदेश जा रहा है।
कोर्ट ने उम्मीद जताई कि पुलिस मामले में उचित कार्रवाई करेगी और प्रदर्शनकारियों को वहां से हटा देगी। इसके बाद पुलिस ने कहा कि सिविल लाइंस पर सीएम आवास के बाहर सीआरपीसी की धारा 144 लगा दी गई है और धरने पर बैठे लोगों को नोटिस देकर उनसे वहां से हटने का अनुरोध किया गया है।