नई दिल्ली, 06 नवंबर । सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की अंतरिम जमानत 24 नवंबर तक बढ़ा दी है। जस्टिस एएस बोपन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने 24 नवंबर को कोर्ट सत्येंद्र जैन की नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई करने का आदेश दिया।
ईडी ने 19 अक्टूबर को कहा था कि जैन का इलाज हिरासत में भी हो सकता है। इसलिए जमानत रद्द की जाए। 1 सितंबर को मामले की सुनवाई करने वाली बेंच के सदस्य जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा ने सुनवाई से अपने आपको अलग कर लिया था। जस्टिस प्रशांत मिश्रा के बेटे ईडी के वकील के रूप में पेश हो चुके हैं। 25 अगस्त को सुनवाई के दौरान सत्येंद्र जैन की ओर से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि जैन की स्पाइनल सर्जरी हुई है और उन्हें आराम की जरूरत है। सिंघवी ने जैन की अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग की। सिंघवी की दलील का ईडी ने विरोध करते हुए कहा था कि जैन को सरेंडर करने का आदेश दिया जाना चाहिए। उनकी अंतरिम जमानत एक दिन भी नहीं बढ़ाई जानी चाहिए। जैन को आम कैदी की तरह समझा जाना चाहिए।
कोर्ट ने 24 जुलाई को जैन को मिली अंतरिम जमानत एक महीने के लिए बढ़ा दिया था। 10 जुलाई को कोर्ट ने 24 जुलाई तक की अंतरिम जमानत बढ़ाने का आदेश दिया था। इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने 26 मई को सत्येंद्र जैन को छह हफ्ते की अंतरिम जमानत दी थी। कोर्ट ने सत्येंद्र जैन को अपनी पसंद के निजी अस्पताल में इलाज कराने की अनुमति दी थी।
सुनवाई से पहले ईडी ने जवाब दाखिल कर कहा कि सत्येंद्र जैन अपने प्रभाव के चलते बीमारी के बारे में गलत रिपोर्ट हासिल करते रहे हैं। ईडी ने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट ने लोकनायक जयप्रकाश हॉस्पिटल की रिपोर्ट ठुकरा दी थी। ईडी ने कहा कि मनी लांड्रिंग मामले में जमानत तभी मिलती है, जब बीमारी से जान का खतरा हो।
सुप्रीम कोर्ट ने 18 मई को जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए ईडी को नोटिस जारी किया था। जैन की ओऱ से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने जैन के खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया था और कहा कि जेल में जैन का वजन 35 किलोग्राम कम हो गया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने 6 अप्रैल को सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि सत्येंद्र जैन एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और वो गवाहों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।
ईडी ने जमानत याचिका का दिल्ली हाई कोर्ट में विरोध करते हुए कहा था कि अगर जैन को जमानत दी जाती है तो मामले के गवाहों की जान को खतरा हो सकता है। ईडी ने कहा था कि सत्येंद्र जैन प्रभावशाली व्यक्ति हैं और बड़े राजनीतिक पद पर रह चुके हैं। वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। ईडी ने कहा था कि जैन को जमानत के लिए तय ट्रिपल टेस्ट को भी पास करना होगा। 17 नवंबर, 2022 को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सत्येंद्र जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। ईडी ने सत्येंद्र जैन को 30 मई, 2022 में गिरफ्तार किया था।