-गुजरात में सबसे बड़ा स्थलांतरण, एक लाख लोग प्रभावित क्षेत्र से हटाए गए
-हवा के झोंकों से गिरे 1137 पेड़ों को हटाकर 260 सड़कों को सुचारू किया
-आपूर्ति प्रभावित 4600 गांवों में से 3580 गांवों में फिर से बिजली बहाल
गांधीनगर/अहमदाबाद, 16 जून । गुजरात के समुद्र तटीय क्षेत्रों में बिपरजॉय चक्रवाती तूफान के टकराने के बाद प्रभावित जिलों की परिस्थिति की जानकारी के लिए मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने शुक्रवार सुबह स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (एसईओसी) पहुंचे। यहां उन्होंने सचिव समेत विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की। अधिकारियों से मुख्यमंत्री ने हालात के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की।
पूर्व तैयारी से नुकसान को न्यूनतम किया गया
राहत आयुक्त आलोक पांडेय ने बताया कि राज्य सरकार के चक्रवात पूर्व की तैयारियों ने बड़ी जनहानि और नुकसान को टाल दिया। राज्य में चक्रवात के कारण एक भी जनहानि की खबर नहीं है। प्रभावित क्षेत्रों से एक लाख से अधिक लोगों को स्थल से हटाकर दूसरी सुरक्षित जगहों पर रखा गया। यहां सभी के लिए भोजन, पानी और दवाओं की व्यवस्था की गई। गुजरात के इतिहास में यह सबसे बड़ा स्थलांतरण है। करीब 5 दिनों से सरकार और प्रशासन की तैयारियों की वजह से इतनी बड़ी विपदा आने के बाद भी नुकसान को न्यूनतम किया जा सका है।
263 सड़कों पर वृक्ष गिरने से आवाजाही प्रभावित
राहत आयुक्त ने बताया कि मुख्यमंत्री ने बैठक में उपस्थित विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारियों से विस्तार से जानकारी मांगी। इसमें चक्रवाती तूफान से प्रभावित क्षेत्रों में जलापूर्ति की स्थिति, संचार व्यवस्था, बिजली और सड़क की स्थिति आदि शामिल है। इसके अलावा नुकसान का अंदाज लगाने, प्रभावितों के लिए कैशडॉल, घर-गृहस्थी के सामान, झोपड़ा बनाने की सहायता और पशुधन नुकसान होने पर सहायता आदि के संबंध में जरूरी निर्देश दिए गए। राहत आयुक्त आलोक पांडे के अनुसार प्रभावित जिलों में आर्थिक नुकसान हुआ है, परंतु इससे तेजी से उबरा जा सकेगा। तूफान के कारण 1137 वृक्ष धराशायी हो गए थे, जिससे 263 सड़कों पर आवाजाही प्रभावित हुई। इन सभी वृक्षों को तत्काल प्रयास से हटाया गया जिसके बाद 260 सड़कों पर फिर से आवाजाही शुरू हो गई। इसके अलावा 3 सड़कों पर अधिक नुकसान होने के कारण उसे पूर्ववत करने का काम चल रहा है।
5120 पोल गिरे, 4600 गांवों में बिजली आपूर्ति बाधित
राहत आयुक्त ने बताया कि प्रभावित जिलों में 5120 बिजली के पोल गिर गए जिससे 4600 गांवों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। इसमें 3580 गांवों में फिर से बिजली व्यवस्था बहाल कर दी गई है। पीजीवीसीएल की टीम चालू बारिश में अन्य गांवों की बिजली व्यवस्था बहाल करने में जुटी है। उन्होंने बताया कि प्रभावित जिलों में 20 कच्चे मकान, 9 पक्के मकान और 65 झोपड़ी धराशायी हुई है। इसमें 474 कच्चे मकान और 2 पक्के मकान को नुकसान पहुंचा है।
मौसम विभाग के अनुसार तूफान गुजरात को पार करेगा और धीरे-धीरे हवा की रफ्तार कम होती जाएगी। अभी प्रभावित जिलों में हवा की तेज रफ्तार होने की वजह से कच्छ, द्वारका, पाटण और बनासकांठा में तेज बारिश की संभावना है।