- स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री की घोषणा, बच्चे भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु जैसे क्रांतिकारियों के बारे में भी पढ़ेंगे
भोपाल, 29 जून । मध्य प्रदेश के स्कूलों में अब बच्चों को स्वाधीनता सेनानी वीर सावरकर की जीवनी पढ़ाई जाएगी। इसके लिए स्कूली पाठ्यक्रम में वीर सावरकर के अध्याय को शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही बच्चे भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु जैसे क्रांतिकारियों के बारे में भी पढ़ेंगे।
स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री इंदर सिंह परमान ने गुरुवार को सावरकर की जीवनी को मप्र के स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की बात करते हुए कहा कि वीर सावरकर पहले लेखक थे, जिन्होंने 1857 आंदोलन को ‘स्वतंत्रता संग्राम’ कहा था। भारत की आज़ादी में उनका अपूरणीय योगदान है और इसलिए उनको सम्मान मिलना चाहिए। वीर सावरकर हमारे उन महान क्रांतिकारियों में से एक हैं जिनको, एक जन्म में दो-दो आजन्म कारावास की सजा हुई। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से कांग्रेस की सरकारों ने भारत के क्रांतिकारियों को इतिहास के पन्नों में जगह नहीं दी।
मंत्री परमार ने कहा कि हम सच्चे नायकों की जीवनियां शामिल करेंगे और बच्चों को उनके बारे में पढ़ाने का काम करेंगे। इसलिए मुख्यमंत्री ने गीता के संदेश, परशुराम, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु जैसे तमाम क्रांतिकारियों को पाठ्यक्रम में शामिल करने की बात कही है। वीर सावरकर भी महान क्रांतिकारी थे, उनका जीवन दर्शन भी हमारे बच्चों तक पहुंचना चाहिए। नए पाठ्यक्रम में वीर सावरकर, भगवद्गीता संदेश, भगवान परशुराम, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु और अन्य शामिल होंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारत केंद्रित शिक्षा पर काम कर रही है। देश के लिए काम करने वाले देश के हीरो बनेंगे।
कांग्रेस ने किया विरोध
वीर सावरकर की जीवनी को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किये जाने का कांग्रेस ने विरोध किया है और सरकार के इस कदम को स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान बताया है। भोपाल (मध्य) क्षेत्र से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने स्कूल शिक्षा मंत्री की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा सावरकर को स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहते हैं। सावरकर ने अंग्रेजों से माफी मांगी थी। उन्हें पाठ्यक्रम में शामिल करना स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का मजाक उड़ाया जा रहा है। जिन्होंने देश के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी, उनका इतिहास पढ़ना चाहिए ना कि माफी मांगने वालों का इतिहास पढ़ाया जाना चाहिए।