महाराष्ट्र (Maharashtra) में कोरोना वायरस (Corona Virus) के बाद जीका वायरस (Zika Virus) का खतरा बढ़ गया है. पुणे (Pune) जिले में जीका वायरस का पहला मामला मिलने के बाद ही सामने आने के बाद से ही स्वास्थ्य विभाग और दिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है. जिला प्रशासन ने 79 गांवों में जीका वायरस के दस्तक की आशंका जाहिर की है. स्वास्थ्य विभाग ने इन गांवों में इमरजेंसी सेवाओं के लिए तैयारी कर ली हैं.
जिला कलेक्टर डॉ राजेश देशमुख ने पांच अगस्त को जारी अपने आदेश में कहा कि स्वास्थ्य विभाग को वायरस के जोखिम के बारे में जानकारी दे दी गई है और इन गांवों को निगरानी में रखा गया है. फिलहाल इन गांवों में आपातकालीन उपाय शुरू कर दिए गए हैं.
कलेक्टर डॉ राजेश देशमुख ने 79 गांवों की लिस्ट भी जारी की है, जिनमें जीका, डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां मौजूद हैं. कलेक्टर ने कहा है कि जिन गांवों में पिछले तीन सालों में लगातार डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बिमारियां मौजूद हैं, उन्हें जीका वायरस के लिए अतिसंवेदनशील माना जाए और इस संक्रमण के लिए उनके रक्त के नमूनों की जांच कराई जाए.
30 जून को पुणे में जीका वायरस का पहला मामले सामने आया था. एक महिला के खून के नमूने को शनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) भेजा गया था. जिसके बाद इसकी पुष्टि हुई थी. इसके बाद, महाराष्ट्र में अधिकारियों को अलर्ट पर रखा गया और स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में जीका वायरस बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए उपाय करना शुरू कर दिया.
बता दें कि जीका वायरस एडीज मच्छर से फैलता है. ये ही मच्छर डेंगू और चिकनगुनियां फैलाते हैं। ऐसे मच्छर महाराष्ट्र समेत पूरे देश में देखने को मिलते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, एडीज मच्छर आमतौर पर दिन के दौरान काटते हैं, जो सुबह जल्दी और दोपहर या शाम को चरम पर होते हैं।