मुंबई, 08 नवंबर । महाराष्ट्र में ओबीसी आरक्षण पर बुधवार को बाम्बे हाई कोर्ट ने राज्य सरकार और याचिकाकर्ता से 10 दिसंबर तक हलफनामा मांगा है। मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ ने अगली सुनवाई 3 जनवरी, 2024 को करने का आदेश दिया है।
मराठा नेता बालासाहेब सराटे और शिवाजी कावठेकर की ओर से दाखिल याचिका पर आज मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई। याचिका में ओबीसी आरक्षण के संबंध में 1994 के शासनादेश को रद्द करने की मांग की गई है। याचिका कर्ता ने कहा है कि राज्य सरकार ने संविधान के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन करते हुए बिना किसी जांच और पिछड़ापन सर्वेक्षण के लगभग 80 जातियों को ओबीसी आरक्षण श्रेणी में शामिल कर लिया। समय-समय पर कई जातियों को केवल शासनादेश के माध्यम से उस श्रेणी में शामिल किया गया और आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाया गया।
याचिकाकर्ताओं ने ओबीसी आरक्षण को असंवैधानिक बताते हुए इसे रद्द करने की मांग की, लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस संबंध में कोई आदेश नहीं दिया है। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने हलफनामा पेश करने के लिए समय मांगा। इसके बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को 10 दिसंबर तक हलफनामा पेश करने का आदेश दिया। इसके बाद इस मामले में सुनवाई 3 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी।