महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक और पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने फ्लोर टेस्ट में वोटिंग की मंजूरी देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. दोनों ने कहा है कि उन्हें भी फ्लोर टेस्ट के दौरान वोट डालने की अनुमति दी जाए.
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे बी परदीवाला की अवकाशकालीन पीठ को अधिवक्ता सुधांशु एस चौधरी ने बताया कि दोनों विधायकों पर धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत मामले दर्ज किए गए हैं और वे जेल में हैं. उन्होंने कहा कि दोनों नेता महाराष्ट्र विधानसभा में बृहस्पतिवार को सुबह 11 बजे होने वाले शक्ति परीक्षण में भाग लेना चाहते हैं.
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कल विधानसभा का एक विशेष सत्र आयोजित करके मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सदन में सरकार का बहुमत साबित करने का निर्देश दिया है. इसके बाद कल महाराष्ट्र विधानसभा में फ्लोर टेस्ट हो सकता है.
गौरतलब है कि, महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बहुमत साबित करने के गवर्नर के आदेश को SC में चुनौती दी गई है. शिवसेना ने फ्लोर टेस्ट के खिलाफ याचिका पर तुरंत सुनवाई की मांग की है. अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका को जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जे बी पारदीवाला की बेंच के सामने मेंशन किया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर शाम 5 बजे सुनवाई करने को कहा है. शिवसेना का कहना है कि 16 विधायकों को अयोग्य घोषित करने का मामला अभी लंबित है. ऐसे में सदन में मुख्यमंत्री बहुमत साबित करने के लिए कहना उचित नहीं है.
पिछले दिनों विधान परिषद् चुनाव के दौरान नवाब मलिक और अनिल देशमुख के इसी तरह के अनुरोध को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था. महाराष्ट्र विधान परिषद् के चुनाव में मत डालने के लिए दोनों नेताओं ने एक दिन की जमानत की मांग की थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इन दोनों के अनुरोध को ठुकरा दिया था.
नवाब मलिक अब भी महाराष्ट्र सरकार में मंत्री हैं जबकि अनिल देशमुख गृह मंत्री के रूप में अपना इस्तीफा दे चुके हैं. दोनों पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस चल रहा है.