महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम के कर्मचारियों ने शुक्रवार को मुंबई में एनसीपी चीफ और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार के आवास के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया. इस दौरान परिवहन विभाग के कर्मियों ने महाराष्ट्र की राज्य सरकार पर वादे पूरे नहीं करने का आरोप लगाते हुए शरद पवार के घर के बाहर जमकर बवाल काटा.
कर्मचारी दोपहर में दक्षिण मुंबई में पवार के आवास ‘सिल्वर ओक’ पहुंचे और उनके खिलाफ नारेबाजी की. कुछ कर्मचारियों ने उनके जूते भी उनके घर की ओर फेंक दिए. राज्य कर्मचारियों ने महाराष्ट्र सरकार में गठबंधन में शामिल शरद पवार की पार्टी एनसीपी पर किए गए वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया. विरोध कर रहे परिवहन विभाग के कर्मचारियों के सुप्रिया सुले ने शांत करने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने और उनका विरोध जारी रहा.
जानिए पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र राज्य परिवहन निगम के कर्मचारी मांग कर रहे हैं कि निगम का विलय राज्य प्रशासन में किया जाए. इसके साथ ही उन्हें भी वही सुविधाएं दी जाएं जो राज्य सरकार अपने कर्मचारियों को देती है.
बताया यह भी जा रहा है कि परिवहन कर्मचारियों की इस मांग पर एक कमेटी गठित की गई थी, जिसमें कई मांगों को मान लिया गया था. हालांकि, विलय की मांग को खारिज कर दिया गया था. मांगों के नहीं माने जाने के बाद राज्य परिवहन विभाग के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे और फिलहाल वे हड़ताल खत्म करने के मूड में नहीं हैं.
MSRTC के हजारों कर्मचारी नवंबर 2021 से हड़ताल पर हैं और मांग कर रहे हैं कि उनके साथ राज्य सरकार के कर्मचारियों के समान व्यवहार किया जाए और नकदी की तंगी से जूझ रहे परिवहन निगम का सरकार में विलय कर दिया जाए.
बता दें कि एक दिन पहले बॉम्बे हाई कोर्ट ने परिवहन निगम के हड़ताली कर्मचारियों को 22 अप्रैल तक ड्यूटी पर फिर से लौटेन का अल्टीमेटम दिया है. बॉम्बे हाईकोर्ट के अल्टीमेटम के एक दिन बाद ही कर्मचारियों ने शरद पवार के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया है.
बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य के परिवहन मंत्री अनिल परब ने आश्वासन दिया था कि उन श्रमिकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी जो ड्यूटी पर फिर से शामिल होंगे.