खारटन रोड बीएसयुपी प्रकल्प में भ्रष्टाचार ?
बोगस लाभार्थी घुसाकर फ़्लैट (सदनिका) हड़पने का रहिवासियों ने लगाया आरोप …
ठाणे :-खारटंन रोड पर बीएसयूपी के तहत तीन भवनों का काम पूरा हो गया है. लॉटरी के जरिए निवासियों को इन फ्लैटों का आवंटन ठाणे महानगर पालिका द्वारा 14 अगस्त को शुरू किया गया था. कुछ निवासियों द्वारा लॉटरी प्रणाली का विरोध किया जा रहा है, जो दूसरों को आवंटित किया गया है. उन्होंने मांग की है कि आवंटित लॉटरी प्रणाली को रद्द कर दिया जाए और फिर से सभी सदस्यों के सामने पारदर्शिता के साथ आवंटन किया जाए, क्योंकि इसमें बहुत भ्रष्टाचार हुआ है. सन 2008 में उस जगह पर पहले केवल 74 रहिवासी रह रहे थे. जिसके बाद उस जगह पर बीएसयूपी योजना के तहत विकसित करने का निर्णय स्थानिक नागरिकों द्वारा लिया गया और साईराम हाऊसिंग सोसायटी का गठन भी हुआ. जिस सोसायटी के अध्यक्ष धर्मवीर मेहरोल हुए जिन्होंने सभी रहिवासियों के प्रति पूरी ईमानदारी के साथ प्रत्येक परिवार को दो घर देने का आश्वासन दिया था. जिसका कोई लिखित प्रमाण नही है.
परन्तु सभी आश्वासन झूठे निकले. इस तरह का आरोप अध्यक्ष मेहरोल पर लगाते हुए सतपाल भगवाणे, प्रदीप लाहोट और सुनील लाहोट ने ठाणे गेस्टहाउस में आयोजित पत्रकार परिषद में पूरे मामले को सिलसिले वार बताई. जिस अवसर पर बीएसयूपी योजना में घर नही मिलने को लेकर नाराज करीब 30 से 35 लोग हाथों में घोटाले का कागजात लेकर उपस्थित रहे.
जिस दौरान उन्होनें कहाकि पहले वहाँ रहने वाले 74 रहिवासी ग्रुप सदस्यों का साईराम हाऊसिंग सोसायटी के नाम की सोसायटी का निर्माण किया गया परन्तु कुछ समय पश्चात कमेटी सदस्यों की संख्या धीरे-धीरे बढ़कर 134 हो गई. अन्य लोग कहाँ से आए? उनके अनुसार, सदस्यों का फर्जी कागजात बनाकर और पैसे लेकर भर्ती किया गया था. कुछ सदस्य उल्हासनगर और कल्याण के भी इस योजना में शामिल हो गए हैं. तो वही कमेटी के अध्यक्ष, धर्मवीर मेहरोल ने अपने नाम से और अपने रिश्तेदारों के नाम पर 25 घरों का कब्जा लेने की शुरुआत की है, और उनके सभी रूम पहली मंजिल पर हैं क्योंकि इमारत की पहली मंजिल में एक बालकनी है. उनका आरोप है कि धर्मवीर मेहरोल और ठाणे महानगर पालिका के एक अधिकारी सुधीर गायकवाड के मिलीभगत से पैसे का लेनदेन इस्तेमाल किया गया है निवासियों की मांग है कि पूरे प्रकरण की जांच की जाए और भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ उचित कार्यवाही किया जाए.
“शुरुवात में यह योजना शहर विकास विभाग के पास था. शहर विकास विभाग की तरफ से ही 90 घरों पर तोड़क कार्रवाई की गई थी और इसके बाद समाज विकास विभाग तथा शहर विकास विभाग ने लाभार्थियों की सूची बनाया था. इसी सूची के अनुसार घर लाभार्थियों को दिया जा रहा है और फर्जी सूची का संबंध ही नहीं आता है. तल अधिक एक मंजिला वाले रहिवासियों को ही घर दिया जा रहा है. जो आरोप लगाया जा रहा है वह बेबुनियाद है.”– सुधीर गायकवाड, कार्यकारी अभियंता, ठाणे मनपा
“इस प्रकल्प में किसी भी प्रकार का भ्र्रष्टाचार नहीं हुआ है. सभी नियमानुसार हुआ है. पुराने लाभार्थी और कुछ सफाई कामगार तथा कुछ नए खरीदने वाले को लेकर कुल सूची 151 की है. सभी का टैक्स और अन्य कागजातों की जांच करके ही घर मनपा प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है. उनके परिवार के सदस्यों की भी सारे कागजात की जांच किया गया है. आरोप बेबुनियाद है और इस संदर्भ में वे भूमिका जल्द ही स्पष्ट करेंग.”- धर्मवीर मेहरोल , अध्यक्ष,साईराम हौसिंग कॉ.ऑ सोसायटी