पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे सुनील जाखड़ भाजपा में शामिल हो गए हैं. उन्होंने दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा। इस दौरान नड्डा ने कहा कि मैं सुनील जाखड़ का भारतीय जनता पार्टी में स्वागत करता हूं। वह एक अनुभवी राजनीतिक नेता हैं जिन्होंने अपने राजनीतिक जीवन के दौरान अपने लिए एक नाम बनाया। मुझे विश्वास है कि वह पंजाब में पार्टी को मजबूत करने में बड़ी भूमिका निभाएंगे।
पिछले दिनों जाखड़ ने फेसबुक लाइव करके कांग्रेस छोड़ने का ऐलान किया था. सुनील जाखड़ ने भाजपा में शामिल होते समय कहा कि मेरे परिवार की तीन पीढ़ियों ने पिछले 50 वर्षों में कांग्रेस पार्टी की सेवा की है। आज मैंने पंजाब में राष्ट्रवाद, एकता और भाईचारे के मुद्दों पर कांग्रेस के साथ अपना 50 साल पुराना नाता तोड़ दिया।
भाजपा का दामन थामने के बाद सुनील जाखड़ ने पीएम मोदी की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि किसी पार्टी को छोड़ना आसान नहीं होता , वो भी तब जब आपने 50 साल उसे दिया हो. हमारे परिवार ने 1972 से कांग्रेस की सेवा की. उन्होंने कहा कि भाजपा अध्यक्ष ने मुझे आज मिलने का समय दिया उसके लिए उनका आभार. ये सभी जानते हैं कि मैंने कभी नीजि स्वार्थ के लिए राजनीति नहीं की. मैं हमेशा जोड़ने का काम किया है. तोड़ने का नहीं..मैं ऐसे प्रदेश से आता हूं जो गुरुओं और संतों की धरती है.
सुनील जाखड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 400वें प्रकाश पर्व के जश्न समारोह में भाग लेना दिखाता है कि उन्होंने पंजाब की नब्ज पकड़ ली है. जाखड़ ने भाजपा में शामिल होने के बाद कहा कि जब दिल से बोलने के लिए मुझे नोटिस मिला, तब मैंने कांग्रेस छोड़ने का फैसला कर लिया.
पंजाब से असंतुष्ट कांग्रेस नेता सुनील जाखड़ ने फेसबुक लाइव के जरिए पार्टी छोड़ने की घोषणा की थी. जाखड़ ने कांग्रेस आलाकमान पर गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाए जाने के बाद मुख्यमंत्री की नियुक्ति के मुद्दे पर पंजाब के एक खास नेता की बात पार्टी सुन रही है.
जाखड़ ने कहा था कि पंजाब कांग्रेस का बेड़ागर्क दिल्ली में बैठे उन लोगों ने किया है, जिन्हें पंजाब, पंजाबीयत और सिखी का कुछ भी पता नहीं है. आखिर मैं उन पिछलग्गुओं को किस भाषा में समझाऊं, जो दिल्ली में बैठे हैं. सुनील जाखड़ ने हाईकमान पर तंज कसते हुए कहा था कि आपने मेरा दिल भी तोड़ा तो सलीके से न तोड़ा, बेवफाई के भी कुछ अदब होते हैं.
यही नहीं इस दौरान उन्होंने मुगल शासक बाबर का जिक्र करते हुए कहा था, ‘बाबर ने जब पहली बार हाथी देखे तो उस पर बैठ गया और पूछा कि इसकी लगाम कहां है. उससे कहा गया कि इसकी लगाम किसी और के हाथ में होती है. इस पर उसने कहा कि ऐसे जानवर की सवारी क्या करना, जिसकी लगाम ही अपने पास न हो.’