- सत्र की संवैधानिकता पर नेता प्रतिपक्ष बाजवा ने उठाए सवाल
- राज्यपाल ने सदन में पेश होने वाले बिलों को नहीं दी मंजूरी
चंडीगढ़, 20 अक्टूबर । विवादों के बीच शुक्रवार को शुरू हुआ पंजाब विधानसभा का दो दिवसीय सत्र एक दिन में ही समाप्त हो गया। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सदन में ऐलान किया है कि वह राज्यपाल के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और नवंबर माह में फिर नए सिरे से विधानसभा का सत्र बुलाया जाएगा।
पंजाब सरकार ने शुक्रवार से विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाने का ऐलान किया था। सरकार का दावा है कि यह मार्च माह में संपन्न हुए बजट सत्र की निरंतरता में बुलाया जा रहा है। दूसरी तरफ राज्यपाल ने इस विशेष सत्र को असंवैधानिक करार देते हुए सत्र की मंजूरी नहीं दी। पंजाब सरकार शुक्रवार को सदन में कुछ बिल पेश करना चाहती थी, लेकिन राज्यपाल ने सुबह तक उसकी मंजूरी नहीं दी। बिलों की स्वीकृति को लेकर पंजाब सरकार तथा राज्यपाल कार्यालय के बीच अंतिम समय तक खींचतान चलती रही।
पंजाब मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित के बार-बार पत्र लिख कर इस सत्र अवैध बताया गया। आज भी जो तीन बिल गवर्नर हाउस में मंजूरी के लिए भेजे गए थे, उन्हें हस्ताक्षर करके वापस नहीं भेजा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह अब रोजाना की खींचतान से परेशान हो गए हैं। सरकार सदन के वैध होने तक कोई बिल पास नहीं करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले को लेकर राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी।
मुख्यमंत्री ने गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित को जवाब देते हुए कहा कि गवर्नर हाउस की वैधानिकता पर सवाल खड़े कर देते हैं। हमसे सवाल पूछा गया कि हमने कर्ज क्यों लिया। वर्ष 1997 से 2022 तक दो व्यक्तियों का राज रहा है। तब किसी ने नहीं पूछा कि कर्जा क्यों लेते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट सत्र के लिए भी सुप्रीम कोर्ट का सहारा लेना पड़ा था। सुप्रीम कोर्ट में तीन मिनट की बहस हुई और इजाजत मिल गई। इस तीन मिनट के लिए 25 लाख खर्च हो गया। उन्होंने कहा कि 30 अक्टूबर के बाद राज्य सरकार इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएगी और इस सत्र को वैध कराने में सिर्फ 15 मिनट लगेंगे।
इससे पहले सत्र की कार्यवाही शुरू होने पर नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने सेशन की वैधता पर सवाल खड़ा किया। मुख्यमंत्री भगवंत मान के सदन में बोलते ही माहौल गर्मा गया। मुख्यमंत्री ने 1 नवंबर को खुली बहस में आने की बात कही तो बाजवा ने तू कह कर संबोधित किया। जिस पर मुख्यमंत्री भडक़ गए। इसे लेकर सदन में काफी हंगामा हुआ।
शून्यकाल में प्रताप सिंह बाजवा ने विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह की तरफ से बीते दिनों उठाए सवालों को सत्र में दोहराया। बाजवा ने कहा कि एसआईटी के सदस्य रह चुके विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री भगवंत मान पर सवाल खड़े किए हैं। बाजवा ने कहा कि पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित की तरफ से इस सत्र को अवैध करार दे दिया है। पहले स्पष्ट किया जाए कि यह सत्र वैध है या नहीं। विपक्ष के नेता जब पंजाब के मुद्दे उठाते हैं तो कहा जाता है कि विपक्ष ने सत्र अटेंड नहीं किया। जब सत्र वैध ही नहीं है तो अटेंड क्यों किया जाए। इस पर स्पीकर कुलतार सिंह संधवा ने कहा कि स्पीकर होते हुए वे सत्र को वैध कर रहे हैं। उनके पास गवर्नर की तरफ से कोई पत्राचार नहीं पहुंचा है। विधानसभा में आज एसवाईएल के मुद्दे पर पंजाब के कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा तथा कांग्रेस व अकाली दल के बीच जमकर बहस हुई।