बीते कुछ दिनों में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) और बिहार (Bihar) के कई जिलों में गंगा (Ganga) नदी में मिल रही लाशों को लेकर हड़कंप मचा हुआ है. गंगा नदी में तैरते मिले दर्जनों शव के मामले पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) ने गुरुवार को केंद्र के जल शक्ति मंत्रालय और यूपी व बिहार सरकार को नोटिस जारी करके गंगा नदी में पाई गई लाशों का ब्योरा मांगा है.
आयोग में 11 मई को यह शिकायत की गई थी। शिकायतकर्ता ने कहा है कि कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी आशंका जाहिर की गई है कि नदी में बहाए जा रहे शव कोरोना संक्रमितों के हो सकते हैं। ऐसे में शवों को इस तरह बहाना उन लोगों के लिए गंभीर हो सकता है जो अपनी रोजमर्रा के जीवन में नदी पर निर्भर है। शिकायतकर्ता ने आयोग से मामले मे हस्तक्षेप की मांग की है और उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है जो इन मामलों को रोकने में असफल रहे।
आयोग की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि अगर वो लाशें कोरोना मरीजों की नहीं थीं तो भी इस तरह से नदी में लाशों का तैरना पूरे समाज के लिए शर्मनाक है. आयोग का कहना है कि संबंधित अधिकारी अपना काम करने में विफल रहे हैं, जिसकी वजह से ऐसा हुआ है. आयोग ने नोटिस में लिखा है कि 2016 के नियम के मुताबिक लाशों को गंगा नदी में नहीं बहाया जा सकता.
आयोग के मुताबिक लाशों का नदी में बहाया जाना उनके मानव अधिकार का हनन है. साथ ही ऐसा करने से उन सभी लोगों के जीवन पर असर पड़ा है जो रोजाना के काम के लिए गंगा नदी पर निर्भर करते हैं.