सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर के आस-पास कई जमीनों को खरीदा गया है. ये जमीनें अधिकारी से लेकर पुलिस अफसर, नेता से लेकर उनके परिवारवालों तक ने खरीदी है. अब इस मामले में योगी सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं. पांच दिन के अंदर जांच की रिपोर्ट मांगी गई है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर विशेष सचिव राजस्व राधेश्याम मिश्रा को यह जांच सौंपी गई है. उनसे पांच दिनों में जांच कर पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी गई है. अपर मुख्य सचिव राजस्व मनोज कुमार सिंह ने जांच के आदेश दिए जाने की पुष्टि की है. सूत्रों का कहना है कि जांच के बाद आईएएस के साथ कई अन्य अफसरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हो सकती है.
रामजन्मभूमि क्षेत्र के पांच किलोमीटर की परिधि में नेताओं और अफसरों द्वारा जमीन लेने का मामला सामने आया है. आरोप है कि जन्मभूमि क्षेत्र के पांच किलोमीटर के दायरे में विधायकों, उनके रिश्तेदारों और मेयर ने जमीनें खरीदी हैं. राजस्व संहिता में दी गई व्यवस्था के मुताबिक दलित ही दलित की जमीन खरीद सकता है. आरोप है कि दलित की जमीन पहले महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट को दान किया गया. इसके बाद इस जमीन को अफसरों, नेताओं, विधायकों के नातेदारों और रिश्तेदारों ने औने-पौने दामों पर ले लिया.
मुख्यमंत्री ने बुधवार को इसकी जानकारी मिलने के बाद इस संबंध में अपर मुख्य सचिव राजस्व को पूरे मामले की जांच कराने का निर्देश दिया. इसके आधार पर विशेष सचिव राजस्व को यह जांच सौंप दी गई है. विशेष सचिव राजस्व मौके पर जाएंगे और आरोपों की जांच करेंगे. वह अपनी रिपोर्ट पांच दिन में अपर मुख्य सचिव राजस्व को देंगे. इसके बाद इसे मुख्यमंत्री को दिया जाएगा. सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री के रुख को देखते हुए जल्द ही इस मामले में बड़ी कार्रवाई हो सकती है.
राम जन्मभूमि क्षेत्र के पांच किलोमीटर के दायरे में एक मंडलायुक्त के ससुर ने 2530 स्क्वायर मीटर और उनके साले ने 12060 स्क्वायर मीटर जमीन खरीदी. एक डीआईजी की साली ने 1020 स्क्वायर मीटर जमीन खरीदी. अयोध्या में तैनात रहे एक मुख्य राजस्व अधिकारी ने साले व उनकी पत्नी के लिए 1130 स्क्वायर मीटर जमीन ली. भाजपा विधायक के साले ने 2593 स्क्वायर मीटर व 6320 स्क्वायर मीटर जमीन ली. एक ट्रस्ट के नाम पर 9860 स्क्वायर मीटर जमीन ली गई. भाजपा के एक अन्य विधायक और उनके भतीजे ने 5174 स्क्वायर मीटर जमीन ली. एक रिटायर्ड आईएएस ने 1680 स्क्वायर मीटर, मेयर ने 1480 स्क्वायर मीटर जमीन ली. एक सूचना आयुक्त ने पत्नी वे बेटे के नाम पर, पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य ने, लेखपाल व कानूनगो ने भी जमीनें ली हैं.