उत्तराखंड के उत्तरकाशी से बड़े हादसे की खबर आ रही हैे. यहां बर्फीले तूफान में कई पर्वतारोही के फंसने की सूचना है. राज्य के द्रौपदी के डंडा-2 पर्वत शिखर पर हिमस्खलन में 29 ट्रेनी माउंटेनियर फंस गए। इन पर्वतारोहियों में 10 की मौत हो गई है जबकि 11 अभी भी लापता हैं। हालांकि, 8 पर्वतारोहियों को बचा लिया गया है।
पर्वतारोहियों के साथ हुआ अबतक के इतिहास का यह सबसे बड़ा हादसा है जब इतनी संख्या में पर्वतारोही मारे गए हो। सभी पर्वतारोही नेहरू माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट ऑफ उत्तरकाशी के हैं। राज्य के पुलिस प्रमुख अशोक कुमार ने कहा कि भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर्स को पर्वतारोहियों को बचाने के लिए लगाया गया है।
उत्तरकाशी के नेहरू माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट के 29 प्रशिक्षु पर्वतारोही मंगलवार को पर्वतारोहण के लिए निकले थे। लेकिन सुबह करीब 9 बजे ही यह टीम 16000 फीट की हाईट पर हिमस्खलन की चपेट में आ गई। प्रशिक्षुओं के हिमस्खलन की चपेट में आने की सूचना के बाद हड़कंप मच गया।
राज्य पुलिस व प्रशासन उनके बचाव के लिए उपाय शुरू कर दिया। फंसे पर्वतारोहियों को बचाने के लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टर्स को डिप्लॉय किया गया। अभी तक 8 प्रशिक्षुओं को बचाया जा सका है। जबकि 10 के मौत की सूचना है। 11 पर्वतारोही अभी भी लापता हैं। अधिकारी ने कहा कि प्रशिक्षुओं को 13,000 फीट की ऊंचाई पर पास के हेलीपैड और फिर देहरादून के लिए रवाना किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जानकारी देते हुए बताया, ‘द्रौपदी का डांडा-2 पर्वत चोटी में हिमस्खलन में फंसे प्रशिक्षार्थियों को जल्द से जल्द सकुशल बाहर निकालने के लिए NIM की टीम के साथ जिला प्रशासन, NDRF, SDRF, सेना और ITBP के जवानों द्वारा तेजी से राहत एवं बचाव कार्य चलाया जा रहा है। हिमस्खलन होने के कारण नेहरू पर्वतारोहण संस्थान, उत्तरकाशी के प्रशिक्षार्थियों के फंसे होने की सूचना है।’ मुख्यमंत्री आफिस ने बताया कि केंद्रीय रक्षा मंत्री ने भी स्थिति के बारे में जानकारी लेने के साथ हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।