उत्तराखंड में केदारनाथ यात्रा के दौरान मंगलवार (18 अक्टूबर, 2022) को बड़ा हादसा हो गया, जिसमें पायलट समेत सात लोगों की मौत हो गई है। इस बीच अगले आदेश तक केदारनाथ में हेली सेवाओं पर रोक लगा दी गई है।
यह हेलिकॉप्टर रुद्रप्रयाग से 2 किलोमीटर की दूरी पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हेलिकॉप्टर ने फाटा से उड़ान भरी थी और यह गरुड़चट्टी के पास क्रैश हो गया। इसमें श्रद्धालु सवार थे। श्रद्धालु केदारनाथ में दर्शन करने के बाद वापस लौट रहे थे, जब यह हादसा हुआ। बताया जा रहा है कि तेज धमाके से साथ हेलिकॉप्टर में आग लग गई।
सूचना मिलते ही रेस्क्यू के लिए टीम रवाना हो गई। बताया जा रहा है कि खराब मौसम की वजह से यह हादसा हुआ है। कोहरे में उड़ान भरना दुर्घटना की वजह बनी है। हेलिकॉप्टर निजी कंपनी आर्यन हेली का था। इसमें पायलट सहित 7 लोग सवार थे। सभी की मौत हो गई है।
स्थानीय लोग बताते हैं कि हेलिकॉप्टर में ब्लास्ट हुआ। इसके बाद तेज आवाज के साथ हेलिकॉप्टर आग का गोला बन जमीन पर गिर गया। शरुआती आकलन के मुताबिक माना जा रहा है कि खराब मौसम की वजह से हादसा हुआ है। हादसे के वक्त इलाके में घना कोहरा था।
सीईओ यूकाडा सी रविशंकर ने जानकारी दी कि हादसा मंगलवार सुबह 11:40 बजे हुआ है। मृतकों में तीन यात्री गुजरात, एक कर्नाटक, एक तमिलनाडु और एक झारखंड का है। पायलट मुंबई के रहने वाले हैं। डीजीसीए और केंद्र को हादसे को जांच सौंपी जाएगी। प्राइवेट हेली सेवा की जांच होगी।
केदारनाथ में अभी भी मौसम खराब है। यहां बर्फबारी हो रही है। हादसे के दो घंटे बाद भी मलबे से आग की लपटें उठती रहीं। रेस्क्यू टीम द्वारा सातों मृतकों के शवों को बरामद कर लिया गया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके इस दुर्घटना को लेकर दुख जताया है। उनके अलावा, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी हादसे पर दुख व्यक्त किया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने भी अफसोस जताते हुए कहा है कि हादसे की जांच के आदेश दिए गए हैं।
रिटायर्ड विंग कमांडर अनिल गोयल ने बताया कि पहाड़ों में अचानक से मौसम खराब हो जाता है, ऐसे में हेलीकॉप्टर को नियंत्रित करना मुश्किल होता है। पायलट अच्छी तरह से ट्रेंड होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे समय पर पायलट की सूझ-बूझ ही काम आती है।