जोहान्सबर्ग, 23 अगस्त । दक्षिण अफ्रीका में चल रहे 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जोहान्सबर्ग में एक खुले और एक बंद पूर्ण सत्र में भाग लेंगे। भारतीय प्रधानमंत्री इस दौरान दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यह तीसरी दक्षिण अफ्रीका यात्रा है। यह यात्रा भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच राजनयिक संबंधों की 30वीं वर्षगांठ का प्रतीक है। ब्रिक्स बनने से पहले 2001 में ब्राजील, रूस, भारत और चीन ने मिलकर ब्रिक की स्थापना की थी। इसे तात्कालिक और भविष्य की आर्थिक शक्ति से भरपूर उभरते बाजारों का एक सामूहिक प्रतिनिधित्व करार दिया गया था। वर्ष 2010 में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में दक्षिण अफ्रीका इस गुट में शामिल हो गया, जिससे ब्रिक का नाम बदल कर ब्रिक्स हो गया। ब्रिक्स आर्थिक आशावाद के प्रतीक के रूप में एक संगठन है, जो पारंपरिक संस्थानों के प्रभुत्व को चुनौती देने के लिए एक वैकल्पिक वैश्विक व्यवस्था प्रस्तुत करता है।
15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में हो रहा है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अलावा चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, ब्राजील के राष्ट्रपति लुईज इनेसियो लूला डा सिल्वा और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भी पहुंचे हैं। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा मेजबान की भूमिका में हैं।
शिखर सम्मेलन से इतर भारत के प्रधानमंत्री और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति के बीच द्विपक्षीय वार्ता भी बुधवार को प्रस्तावित है। दूसरे दिन पूर्ण सत्र के बाद एक सांस्कृतिक प्रदर्शनी और राष्ट्रपति रामफोसा द्वारा आयोजित रात्रिभोज का आयोजन किया जाएगा।
इससे पहले मंगलवार को दक्षिण अफ्रीका पहुंचने पर भारतीय प्रधानमंत्री का वॉटरक्लूफ वायुसेना अड्डे पर औपचारिक स्वागत किया गया। भारतीय प्रवासियों ने ‘वंदे मातरम’ के नारे के साथ जोरदार स्वागत किया । प्रवासी भारतीय महिलाओं ने उनकी कलाई पर राखी बांधी। प्रधानमंत्री ने जोहान्सबर्ग में स्वामीनारायण मंदिर के एक मॉडल का भी निरीक्षण किया। निर्माणाधीन मंदिर के 2025 तक पूरा होने पर अफ्रीका और दक्षिणी गोलार्ध में यह सबसे बड़ा हिंदू मंदिर होगा।