अमेरिका के सबसे बड़े पुलित्जर पुरस्कार 2022 के विजेताओं की घोषणा सोमवार देर शाम की गई। इसमें फोटोजर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी (Danish Siddiqui) ने दूसरा पुरस्कार जीता है। दानिश सिद्दीकी की अफगानिस्तान में तालीबानियों की गोली लगने से मौत हो गई थी। दानिश सहित अदनान आबिदी, सना इरशाद मट्टू और अमित दवे को भी यह पुरस्कार मिला। इन्हें भारत में कोरोना के कारण हुई मौतों की शॉकिंग तस्वीरें खींचने के लिए यह पुरस्कार दिया गया।
साल 2018 में भी फीचर फोटोग्राफी के लिए दानिश सिद्दीकी को पुलित्जर पुरस्कार मिल चुका है। अपनी तस्वीरों से सिद्दीकी ने म्यामांर के रोहिंग्या शरणार्थियों की समस्या को दिखाया था। ये तस्वीरें देखकर लोगों को रोहिंग्या संकट की गंभीरता का अंदाजा लगा था।
बता दें कि पुलित्जर पुरस्कार को पत्रकारिता के क्षेत्र में अमेरिका का सर्वोच्च पुरस्कार माना जाता है। फीचर फोटोग्राफी के लिए रॉयटर्स के अदनान आबिदी, सना इरशाद मट्टू और अमित दवे के साथ दानिश सिद्दीकी को मरणोपरांत पुलित्जर पुरस्कार के इस लिस्ट में शामिल किया गया है। इसके अलावा यूक्रेन के पत्रकारों को 2022 के पुलित्जर पुरस्कार विशेष प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार 1917 में जोसेफ पुलित्जर की वसीयत के अनुसार स्थापित किया गया था। वे एक अखबार के प्रकाशक के रूप में जाने जाते थे।
अफगानिस्तान में सिद्दीकी की मौत
पिछले साल 16 जुलाई को अफगानिस्तान के कंधार में तालिबानियों और सिक्योरिटी फोर्सेस की मुठभेड़ के दौरान भारतीय फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की मौत हो गई थी। अफगान सेना स्पिन बोल्डक के मुख्य बाजार इलाके पर कब्जा करने के लिए लड़ रही थी, इसी दौरान सिद्दीकी और एक सीनियर अफगान अधिकारी मारे गए। हालांकि, इस पर तालिबान ने कहा था कि उन्हें नहीं पता कि किसकी गोलीबारी में पत्रकार मारा गया।
दानिश सिद्दीकी 38 साल के थे। दानिश मुंबई के रहने वाले थे। उन्होंने दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया था। 2007 में उन्होंने जामिया के मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर से मास कम्युनिकेशन की डिग्री ली थी। उन्होंने टेलीविजन से अपना करियर शुरू किया और 2010 में रॉयटर्स से जुड़ गए।