तुर्किये और सीरिया में बीते दिनों आए भूकंप के चलते हजारों लोगों ने अपनी जान गंवा दी है। अकेले तुर्किये ने अपने 15000 से ज्यादा लोगों को खो दिया है। भूकंप इतना खतरनाक था कि कई हजार इमारतें और कई सड़कें धराशायी हो गईं। तुर्किये में चारों ओर तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है, लोग अभी तक गिरी हुई इमारतों के नीचे दबे हैं।
तुर्किये की जमीन 7.8 तीव्रता वाले भूकंप के 1 मिनट तक आने के चलते 10 फीट यानी करीब 3 मीटर तक खिसक गई है. ये दावा इटली के भूकंप विज्ञानी डॉ. कार्लो डोग्लियोनी ने किया है।
दरअसल, दुनिया बड़ी-बड़ी टैक्टोनिक प्लेट्स पर स्थित है। इन प्लेट्स के नीचे तरल पदार्थ लावा है। ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं। तुर्किये 4 टेक्टोनिक प्लेट्स पर बसा है और उसका सबसे बड़ा हिस्सा एनाटोलियन प्लेट पर टिका है। सोमवार को तुर्किये में आया भूकंप नॉर्थ एनाटोलियन फॉल्ट लाइन पर आया।
इटली के सीस्मोलॉजिस्ट डॉ. कार्लो डोग्लियोनी के मुताबिक एनाटोलियन टैक्टोनिक प्लेट्स और अरबियन प्लेट्स एक दूसरे से 225 किलोमीटर दूर खिसक गई हैं। इसके चलते तुर्किये अपनी भौगोलिक जगह से 10 फीट खिसक गया है।
डोग्लियोनी बताते हैं कि टैक्टोनिक प्लेट्स में हुए इस बदलाव के चलते तुर्किये, सीरिया की तुलना में 5 से 6 मीटर यानी लगभग 20 फीट और अंदर धंस गया है। हालांकि, उन्होंने साफ किया कि ये शुरुआती डेटा से मिली जानकारी है। आने वाले दिनों में सैटेलाइट इमेज से सटीक जानकारी मिल सकेगी।
दरअसल, भूकंप की तीव्रता तेज होने के चलते माना जा रहा है कि टेक्टोनिक प्लेट्स की गतिविधियां ज्यादा भीषण हुईं है। तुर्किये के 3 मीटर तक खिसक जाने के चलते उसकी इमारतों, सड़कों, पानी की पाइपलाइल और नदियों तक की दिशा बदल जाने की आशंका है।
सैटेलाइट तस्वीरों में दिखा भयावह मंजर
तुर्की और सीरिया में 15,000 से ज़्यादा जानें लील लेने वाले भीषण भूकंप के चलते पूरी की पूरी बस्तियां खंडहर हो गई हैं, और बड़े-बड़े शहर मलबे के ढेर में तब्दील हो गए हैं। सैटेलाइट से हासिल तस्वीरों में देखा जा सकता है कि दक्षिणी हिस्से के अन्ताक्या और काहरामनमारस सबसे ज़्यादा प्रभावित इलाकों में शामिल हैं, जहां ढेरों ऊंची-ऊंची इमारतें ज़मीन्दोज़ हो गईं। सैटेलाइट तस्वीरों से यह भी दिखाई देता है कि खुले इलाकों और स्टेडियमों में सैकड़ों एमरजेंसी शेल्टर बनाए गए हैं, ताकि राहत कार्यों में तेज़ी आ सके।
तुर्की के लगभग 20 लाख की आबादी वाले ग़ाज़ियानटेप शहर में सोमवार को पहला भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.8 थी, और उसके बाद 7.5 तीव्रता वाला एक और भूकंप और कई छोटे-छोटे भूकंप महसूस किए गए। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ डेनमार्क एंड ग्रीनलैंड के मुताबिक, भूकंप के झटके ग्रीनलैंड तक भी महसूस किए गए।
कैसे खिसक जाती है जमीन
जानकारों की मानें तो भूकंप की तीव्रता के अनुसार जमीन खिसक जाती है। अगर तीव्रता ज्यादा हो ज्यादा मील जमीन खिसकने की बात सामने आती है। डरहम विश्वविद्यालय में संरचनात्मक भूविज्ञान के प्रोफेसर डॉ बॉब होल्ड्सवर्थ की माने तो 6.5 से 6.9 की तीव्रता वाले भूकंप से लगभग एक मीटर तक जमीन खिसक जाती है, वहीं अगर भूकंप इससे ज्यादा हो तो 10 से 15 मीटर तक जमीन खिसक सकती है।