रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडन चुनौती दे रहे हैं. जो बाइडन, पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के उप-राष्ट्रपति के तौर पर ज़्यादा मशहूर हैं. हालांकि बाइडन, अमरीका की राजनीतिक में 1970 के दशक से ही सक्रिय रहे हैं.
जैसे-जैसे मतदान का दिन क़रीब आता जा रहा है, वैसे-वैसे चुनावी सर्वे करने वाली कंपनियाँ इस कोशिश में जुटी हैं कि वो लोगों से उनकी पसंद के उम्मीदवार के बारे में पूछ कर, असली नतीजे आने से पहले जनता का मूड भाँप सकें.
हम, चुनाव से पहले होने वाले इन सभी सर्वेक्षणों पर नज़र बनाए रखेंगे. हमारी कोशिश ये पता लगाने की होगी कि इन ओपिनियन पोल के ज़रिए चुनाव का रुख़ भाँप सकें. हम ये भी जानने की कोशिश करेंगे कि ये पोल, अमरीकी जनता के मूड के बारे में क्या बता सकते हैं और क्या नहीं बता सकते.
राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रपति पद के दोनों उम्मीदवार कैसी छाप छोड़ रहे हैं?
अमरीका में राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले ओपिनियन पोल, इस बात का पता लगाने का अच्छा माध्यम हैं कि पूरे देश में कौन सा उम्मीदवार कितना लोकप्रिय है. लेकिन, यहाँ ध्यान देने वाली बात ये है कि इससे राष्ट्रपति चुनाव के असली नतीजों का संकेत नहीं मिलता.
मिसाल के तौर पर, 2016 में राष्ट्रीय स्तर के लगभग सभी चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में हिलेरी क्लिंटन, डोनाल्ड ट्रंप से क़रीब 30 लाख वोटों से आगे चल रही थीं.
लेकिन, असली नतीजे आए, तो वो ट्रंप से हार गई थीं. ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि अमरीका में इलेक्टोरल कॉलेज का सिस्टम है. इसलिए, जनता के ज़्यादा वोट हासिल करने के बावजूद कोई राष्ट्रपति चुनाव जीत ही जाए, ये ज़रूरी नहीं है.
इस शर्त को हटा दें, तो जो बाइडन इस साल के अधिकतर राष्ट्रीय सर्वेक्षणों में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से आगे रहे हैं. हाल के कुछ हफ़्तों की बात करें, तो बाइडन को लगभग 50 प्रतिशत मतदाताओं का समर्थन मिलता दिख रहा है.
राष्ट्रपति ट्रंप पर उन्हें कम से कम 10 अंकों की बढ़त इन ओपिनियन पोल में मिल रही है. लेकिन, पिछले कुछ दिनों में डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों की संख्या भी बढ़ी है.