लखनऊ के गोमती रिवर फ्रंट मामले (Gomti River Front Scam) में सीबीआइ (CBI) ने अपनी जांच की गति तेज कर दी है। उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की सरकार के कार्यकाल के दौरान लखनऊ में हुए रिवर फ्रंट घोटाले में सीबीआई ने लखनऊ, कोलकाता, अलवर, सीतापुर, रायबरेली, गाजियाबाद, नोएडा, मेरठ, बुलंदशहर, इटावा, अलीगढ़, एटा, गोरखपुर, मुरादाबाद और आगरा में एक साथ छापेमारी की। सीबीआई ने कई सुपरिंटेंड इंजीनियर और अधिशासी इंजीनियरों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
लखनऊ सीबीआई की एंटी करप्शन टीम ने रिवर फ्रंट घोटाला मामले में यूपी में 40 जगहों पर छापेमारी की है. वहीं राजस्थान और पश्चिम बंगाल में एक-एक जगह तलाशी ली जा रही है. इस मामले में कुल 189 लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिसमें 173 प्राइवेट और 16 सरकारी अफसर शामिल हैं.
उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्वकाल में लखनऊ में गोमती नदी के सौंदर्यीकरण का काम किया गया। इसको गुजरात के साबरमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर सजाने की योजना थी। समाजवादी पार्टी की सरकार ने गोमती रिवर फ्रंट के लिए 1513 करोड़ मंजूर किए थे। इसमें 1437 करोड़ रुपये जारी होने के बाद भी मात्र 60 फीसदी काम ही हुआ। इस दौरान रिवर फ्रंट का काम करने वाली संस्थाओं ने 95 फीसदी बजट खर्च करके भी पूरा काम नहीं किया था।
दरअसल, रिवरफ्रंट घोटाले के आरोप समाजवादी पार्टी सरकार पर लगते रहे हैं। रिवरफ्रंट सपा सरकार में गोमती नदी के किनारे बनवाया गया था जिसका सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव प्रचार करते रहे हैं। प्रदेश में 2017 में भाजपा सरकार आने पर मामले की जांच की बात कही गई थी जिसके बाद से कई अफसरों के खिलाफ अब तक एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। मामले में अब फिर से छापेमारी का दौर शुरू हो चुका है।
योगी सरकार ने चार साल पहले घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की संस्तुति की थी। उससे पहले अप्रैल 2017 में प्रदेश सरकार ने रिवर फ्रंट घोटाले की न्यायिक जांच के आदेश दिए थे। जांच में पता चला था कि डिफॉल्टर कंपनी को ठेका देने के लिए टेंडर की शर्तों में ही बदलाव कर दिया गया था. पूरे प्रोजेक्ट के लिए करीब 800 टेंडर निकाले गए थे. यह पूरा प्रोजेक्ट चीफ इंजीनियर के अंडर में था. आयोग की रिपोर्ट के आधार पर ही यूपी सरकार ने केंद्र से सीबीआई जांच की मांग की थी. करीब 1500 करोड़ रुपये के इस घोटाले की जांच फिलहाल सीबीआई कर रही है। प्रवर्तन निदेशालय भी मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज कर जांच कर रहा है।