सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी (SEC) के बाद आज ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने भी सीरम इंस्टिट्यूट की कोविशील्ड (Covishield) और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन (Covaxin) को भारत में इमर्जेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी है। इसके अलावा जायडस कैडिला की वैक्सीन ‘जाइकोव-डी’ को तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल के लिए मंजूरी मिल गई है। देश के लिए यह राहत की बात है।
दोनों वैक्सीन के इमर्जेंसी इस्तेमाल को मंजूरी मिलने के बाद पीएम मोदी (PM Modi) ने ट्वीट करके कहा- ‘DCGI ने सीरम इंस्टिट्यूट के कोविशील्ड और भारत बायोटेक के कोवैक्सीन को मंजूरी दे दी है। हमारे सभी मेहनती वैज्ञानिकों और इनोवेटर्स को बधाई।
प्रधानमंत्री मोदी ने इसके लिए वैज्ञैनिकों, डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ की टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा, ‘हम डॉक्टरों, चिकित्सा कर्मचारियों, वैज्ञानिकों, पुलिसकर्मियों, स्वच्छता कार्यकर्ताओं और सभी कोरोना योद्धाओं को किए गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए अपना आभार दोहराते हैं। विपरीत परिस्थितियों में भी हम कई लोगों की जान बचाने के लिए उनके प्रति सदा आभारी रहेंगे।’
पीएम मोदी ने कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) को आत्मनिर्भर भारत के साथ जोड़ते हुए कहा, ‘देश के नागरिकों के लिए गर्व की बात है कि जिन दो टीकों के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है, उन्हें भारत में ही बनाया गया है। यह दिखाता है कि आत्मनिर्भर भारत बनाने की मुहिम में हमारे देश के वैज्ञानिक कितनी मेहनत कर रहे हैं।’
DCGI की भारत में कोरोना वैक्सीन के इमर्जेंसी इस्तेमाल को मंजूरी मिलने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी स्वागत किया है। पुणे के सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने भी ट्वीट कर कहा, भारत के पहले COVID-19 वैक्सीन, कोविशील्ड को मंजूरी मिल गई है। यह वैक्सीन आने वाले हफ्तों में रोल-आउट के लिए तैयार है। DCGI निदेशक वीजी सोमानी ने कहा ‘ये वैक्सीन 100 फीसदी सुरक्षित हैं। हल्के बुखार, दर्द और एलर्जी जैसे कुछ दुष्प्रभाव हर वैक्सीन के लिए आम हैं’। इससे डरने की जरूरत नहीं है.