महाराष्ट्र के मुख्मयंत्री उद्धव ठाकरे को ‘थप्पड़ मारने’ की बात कहने वाले केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के खिलाफ महाराष्ट्र में विरोध तेज हो गया है. उद्धव ठाकरे पर विवादित बयान के बाद शिवसेना के कार्यकर्ताओं में गुस्सा है और मुंबई के जुहू में स्थित नारायण राणे के बंगले पर पथराव किया है. इसके अलावा नारायण राणे और शिवसेना के समर्थक आपस में भिड़ गए हैं और पत्थर फेंक रहे हैं. मामले को बढ़ता देख पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है.
बताया जा रहा है कि नासिक में बीजेपी दफ्तर पर पत्थरबाजी की गई है. पत्थरबाजी की तस्वीरें भी सामने आई हैं. आरोप है कि शिवसेना कार्यकर्ताओं ने ये पत्थरबाजी कर अपना गुस्सा जाहिर किया है. इसके साथ ही नासिक में नारायण राणे के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. नासिक पुलिस ने गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं और वारंट जारी किया है. उनके खिलाफ नाशिक, पुणे और महाड़ में तीन एफआईआर दर्ज हुई हैं.
नारायण राणे के खिलाफ महाराष्ट्र के कई पुलिस थानों में एफआईआर दर्ज किए जाने को लेकर अब बीजेपी और राज्य पुलिस आमने-सामने आ गई है. एक तरफ राणे के खिलाफ गिरफ्तारी के आदेश जारी करने वाली नासिक पुलिस ने कहा है कि नियमों का पालन करते हुए ही आदेश जारी किया गया है तो वहीं प्रदेश बीजेपी ने कहा है कि संवैधानिक प्राधिकारियों को संरक्षण देने वाले स्थायी आदेशों के मुताबिक किसी भी केंद्रीय मंत्री को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है और राज्य सरकार अपनी हदें पार कर रही है.
नासिक पुलिस ने राणे के खिलाफ अपमानजनक और घृणास्पद बयानों की वजह से आईपीसी की धारा 500, 505(2), 153-बी, (1) (सी) के तहत केस दर्ज किया है. यह एफआईआर नासिक में शिवसेना प्रमुख सुधाकर बदगुजर की शिकायत पर मंगलवार सुबह दर्ज की गई है. इसके बाद पुलिस की एक टीम को राणे को गिरफ्तार करने के लिए रत्नागिरी के चिपलुन रवाना कर दिया गया है.
नासिक सिटी पुलिस कमिश्नर दीपक पांडे ने कहा कि पुलिस नियमों का पालन कर रही है और कानूनी प्रावधानों के तहत ही गिरफ्तारी का आदेश जारी किया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि एक सांसद को मिली छूट का पूरा ध्यान रखा जाएगा. उन्होंने आगे कहा, ‘चूंकि, माननीय केंद्रीय मंत्री राज्यसभा के सदस्य हैं, हम गिरफ्तारी के बाद उच्च सदन के सभापति को उचित समय पर सूचित करने के लिए बाध्य हैं. केंद्रीय मंत्री की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम भेजी गई है. गिरफ्तारी का आदेश इसलिए जारी किया गया है ताकि भविष्य में दोबारा ऐसा काम न हो.’