14 दिन से था लापता, किसी को नहीं चला पता
मुंबई-दक्षिण मुंबई शिवड़ी स्थित सरकारी टीबी अस्पताल की भारी लापरवाही सामने आयी है. अस्पताल में भर्ती टीबी के कोरोना संक्रमित मरीज का शव 14 दिनों बाद अस्पताल के शौचालय से मिला है. हैरानी की बात तो यह है कि जिस शौचालय में मरीज का शव 14 दिनों तक वहीं पड़ा रहा, उस शौचालय का उपयोग अन्य मरीजों द्वारा किया जा रहा था. नियमानुसार इसकी प्रतिदिन साफ़ सफाई भी की जाती रही होगी। इसके बावजूद भी किसी सफाई कर्मचारी को मरीज का शव नहीं दिखाई पड़ा. हालांकि मुंबई मनपा प्रशासन ने मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं लेकिन अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में जरूर आ गयी है.मनपा ने उस वार्ड में काम करने वाले लगभग 40 कर्मचारियों को नोटिस जारी किए हैं। शव पिछले 14 दिनों से जमीन पर पड़ा होने के कारण बुरी तरह से सड़ गया था जिसके चलते उसकी पहचान करना भी मुश्किल हो गया था. यह पता लगाने के लिए शव पुरुष का या है या स्त्री का, वार्ड में भर्ती मरीजों के रिकार्ड की जांच की गई. पता चला कि शव पिछले 14 दिनों से लापता मरीज सूर्यभान यादव का है. टीबी से पीड़ित गोरेगांव निवासी यादव को कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर 30 सितंबर को शिवड़ी के टीबी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अस्पताल प्रशासन द्वारा यादव को 4 अक्टूबर से लापता होने की शिकायत विभाग में दर्ज कराई गयी थी. अस्पताल के अधीक्षक डॉ. ललित कुमार के अनुसार हमने मरीज के लापता होने की सूचना दी थी। लेकिन टीबी के मरीजों के लिए अस्पताल से भागना कोई नई बात नहीं है। चूंकि अस्पताल में भर्ती होने के समय सूर्यभान ने अपना पता ठीक से नहीं दिया था इसलिए हम उसकी ज्यादा तलाश नहीं कर सके।
अस्पताल में कुल 11 कोरोना मरीज हैं जिनके साथ सूर्यभान यादव को पहली मंजिल पर पुरुष वार्ड में रखा गया था। हो सकता है कि 4 अक्टूबर को टॉयलेट में सांस की समस्या के कारण वह गिर गया हो। यह पूछे जाने पर कि सफाई के दौरान किसी सफाईकर्मी या अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी को शौचालय में मरीज की लाश क्यों नहीं दिखी तो वे कोई जवाब नहीं दे पाए. डॉ. ललित कुमार ने आगे कहा कि शौचालय को दिन में तीन बार साफ किया जाता है लेकिन अक्सर शौचालय में रोगी होने से कर्मचारी उन्हें साफ किए बिना छोड़ देते हैं।लेकिन अन्य मरीज भी हर दिन इसका इस्तेमाल करते हैं उन्हें क्यों दुर्गंध नहीं आयी. बहरहाल हमने सभी कर्मचारियों को नोटिस जारी किए हैं। अस्पताल के एक अन्य डॉक्टर ने कहा कि कोविड वार्ड होने से वहां कोई अन्य कर्मचारी नहीं जाता था. पुलिस अधिकारी ने कहा कि लापता होने की सूचना के बाद हमने भी वार्ड में प्रवेश करने तथा शौचालयों का निरीक्षण करने से परहेज किया क्योंकि यह कोरोना वार्ड था. केईएम अस्पताल के फोरेंसिक विभाग के प्रमुख डॉ. हरीश पाठक ने बताया कि सूर्यभान की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई। मनपा ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के उप कार्यकारी चिकित्सा अधिकारी (विशेष अस्पताल) की अध्यक्षता में 7 सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है जो 3 से 4 दिन में अपनी रिपोर्ट देगी। उसके बाद दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी।