रूस के हवाई हमले में यूक्रेन में अपनी जान गंवाने वाले भारतीय मेडिकल स्टूडेंट नवीन शेखरप्पा (22) के परिजनों ने उसकी बॉडी एक मेडिकल कॉलेज को दान(donate) करने का फैसला किया है। नवीन की बॉडी सोमवार(21 मार्च) की सुबह बेंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचेगी। हालांकि युद्ध के चलते बॉडी लाने में भारत सरकार को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
नवीन के पिता शेखरप्पा ने शनिवार को जानकारी देते हुए कहा कि मेरा बेटा चिकित्सा के क्षेत्र में कुछ हासिल करना चाहता था, लेकिन ऐसा हो नहीं सका। उन्होंने कहा कि नवीन के शरीर का उपयोग कम से कम अन्य मेडिकल छात्र पढ़ाई के लिए कर सकें इसलिए उनके परिवार ने चिकित्सा अनुसंधान के लिए शरीर दान करने का फैसला किया है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मीडिया को बताया कि नवीन का पार्थिव शरीर सोमवार तड़के बेंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचेगा। इस बीच छात्र के पिता शेखरप्पा ने शुक्रवार को यूक्रेन से बेटे क शव लाने में हो रही देरी पर दु:ख जताते हुए कहा था कि वे उसके शरीर को आखिरी बार देख पाएंगे।
परिजनों के मुताबिक, शव सोमवार को चलगेरी गांव पहुंच रहा है। अंतिम संस्कार करने के बाद परिवार बॉडी को दावणगेरे के एसएस मेडिकल कॉलेज (SS Medical College of Davanagere) को दान कर दिया जाएगा।
नवीन एक मार्च को यूक्रेन के खार्किव शहर में उस समय रूसी हमले की चपेट में आ गए थे, जब वो भोजन की तलाश में बंकर से बाहर निकले थे। कर्नाटक सरकार ने उनके परिवार को 25 लाख रुपये का मुआवजा दिया है। और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का वादा भी किया है।
बता दें कि विदेश मंत्रालय ने ऑपरेशन गंगा के तहत युद्धग्रस्त यूक्रेन से 22,500 से अधिक भारतीयों को निकाला, इनमें ज्यादातर मेडिकल छात्र हैं, रूस द्वारा यूक्रेन में अपना सैन्य आक्रमण शुरू करने के दो दिन बाद 26 फरवरी को बचाव अभियान शुरू किया गया था।