हिंडनबर्ग-अडानी विवाद को लेकर विपक्ष लगातार भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को निशाना बना रहा रहा है. इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि उनके लिए इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का संज्ञान लिया है. शाह ने कहा कि इसमें बीजेपी के लिए छिपाने जैसी कोई बात नहीं है और न ही डरने की जरूरत है।
बता दें, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद कांग्रेस सांसद राहुल गांधी समेत विपक्षी पार्टियों ने भारतीय जनता पार्टी पर उद्योगपति गौतम अडानी का बचाव करने का आरोप लगाया है। इसे लेकर विपक्षी पार्टियों ने संसद से लेकर सड़क तक प्रदर्शन किया था।
अमित शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का संज्ञान लिया है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर विचार कर रहा है। एक मंत्री के तौर पर मेरे लिए इस मामले पर टिप्पणी करना सही नहीं है, लेकिन इसमें बीजेपी के पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है।
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने 7 फरवरी, 2023 को लोकसभा में केंद्र सरकार पर गौतम अडानी को लेकर हमला बोला था। गांधी ने पीएम मोदी पर गौतम अडानी के साथ संबंधों को लेकर सवाल उठाए थे। कांग्रेस नेता ने पीएम मोदी और गौतम अडानी की तस्वीर दिखाते हुए कई सवाल दागे थे।
राहुल गांधी ने गौतम अडानी समूह पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर कहा था कि पीएम मोदी के जादू से गौतम अडानी ने अरबपतियों की लिस्ट में 609 नंबर से 2 नंबर पर पहुंच गए। उन्होंने सवाल किया कि अडानी की सफलता के पीछे किसका हाथ है। अडानी और पीएम मोदी के बीच क्या संबंध है?
राहुल गांधी ने कहा कि पहले अडानी के हवाई जहाज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जाते थे और अब अडानी पीएम के जहाज में जाते हैं। उन्होंने पूछा कि पीएम बताएं कि वो विदेश दौरे पर कितनी बार अडानी के साथ गए।
अमित शाह ने राहुल गांधी के आरोपों पर दिया जवाब
लोकसभा में राहुल गांधी के अडानी समूह से संबंधित हालिया भाषण के बारे में पूछे जाने पर अमित शाह ने कहा, ‘यह कांग्रेस नेता या उनके स्क्रिप्ट राइटर्स को तय करना है कि वह क्या भाषण देना चाहते हैं।’ अमित शाह ने राहुल गांधी के बीजेपी के खिलाफ घोर पूंजीवाद के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए अमित शाह ने कहा, ‘कोई सवाल ही नहीं है। कोई भी आज तक भाजपा के खिलाफ इस तरह के आरोप नहीं लगा सका है. उनके (कांग्रेस) काल में एजेंसियां चाहे वह सीएजी हों या सीबीआई, उन्होंने भ्रष्टाचार का संज्ञान लेते हुए मामले दर्ज किए थे. 12 लाख करोड़ रुपये के घोटाले हुए थे।’
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों द्वारा भाजपा द्वारा सरकारी संस्थानों पर कब्जा करने के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर अमित शाह ने कहा कि उन्हें अदालत जाना चाहिए कोर्ट हमारे कब्जे में नहीं है। वे अदालत क्यों नहीं जाते? उस समय भी जब पेगासस का मुद्दा उठाया गया था, मैंने कहा था कि अदालत में सबूतों के साथ जाओ। वे केवल शोर मचाना जानते हैं। जो लोग अदालत गए थे, अदालत ने पेगासस का संज्ञान लिया और अपना निर्णय भी दिया. जांच भी की गई थी।
अडानी विवाद पर वित्त मंत्री दे चुकीं हैं बयान
अमित शाह से पहले अडानी विवाद पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी थी। निर्मला सीतारमण ने कहा था कि इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट जांच कर रही है। हमारी तरह से किसी नियामक तंत्र कोई दवाब नहीं है। नियामक एजेंसियां अपनी जांच कर रही है। एफपीओ वापस लिए जाने के मसले पर वित्त मंत्री ने कहा था कि पहले भी एफपीओ वापस लिए गए हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था स्थिर है।