मोदी सरकार के कैबिनेट विस्तार से पहले कई बड़े मंत्रियों तक की छुट्टी हो गई. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) और प्रकाश जावडेकर (Prakash Javadekar) ने भी विस्तार से पहले इस्तीफा दे दिया है. एक तरफ जहां स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से अहम मंत्रालय छीन लिया गया है तो सरकार को आईटी व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और सूचना व प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को भी इस्तीफा देना पड़ा है। रविशंकर प्रसाद के पास कानून मंत्रालय के साथ साथ सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय था जबकि जावड़ेकर पर्यावरण मंत्रालय के साथ साथ सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का दायित्व संभाल रहे थे।
रविशंकर प्रसाद से ऐसे समय पर इस्तीफा लिया गया है, जब उनके मंत्रालय ने नए आईटी नियमों को लागू किया था, जिसको लेकर ट्विटर जैसी सोशल मीडिया कंपनियों से सरकार का टकराव चल रहा था। ऐसे में इनके इस्तीफे से विश्लेषक भी हैरान हैं।
यही नहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन (Dr. Harsh Vardhan) पर भी गाज गिरी. उन्होंने आज स्वास्थ्य मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया. कोरोना काल में जिस तरह मोदी सरकार पर सवाल खड़े हुए थे, उस दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय निशाने पर आया था.
सूत्रों ने बताया कि निशंक ने स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया है । निशंक अप्रैल में कोविड-19 से संक्रमित हो गए थे। ठीक होने के बाद उन्हें जून में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के मद्देनजर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा संस्थान (एम्स) में दोबारा भर्ती होना पड़ा था।
राष्ट्रपति सचिवालय की विज्ञप्ति के अनुसार, ”प्रधानमंत्री के सुझाव पर भारत के राष्ट्रपति ने मंत्रिपरिषद के 12 सदस्यों का इस्तीफा तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया है।” जिन मंत्रियों का इस्तीफा स्वीकार किया गया है, उनमें सदानंद गौड़ा, रविशंकर प्रसाद, थावरचंद गहलोत, रमेश पोखरियाल निशंक, डॉ. हर्षवर्द्धन, प्रकाश जावड़ेकर, संतोष कुमार गंगवार शामिल है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संजय धोत्रे, रतनलाल कटारिया, प्रतापचंद सारंगी और देवश्री चौधरी का इस्तीफा भी स्वीकार कर लिया।
विस्तार से पहले इन 14 मंत्रियों के इस्तीफे
1. रविशंकर प्रसाद
2. प्रकाश जावड़ेकर
3. डॉ. हर्षवर्धन
4. बाबुल सुप्रियो
5. रतनलाल कटारिया
6. रमेश पोखरियाल निशंक
7. देबोश्री चौधरी
8. संतोष गंगवार
9. संजय धोतरे
10. अश्विनी चौबे
11. प्रताप सारंगी
12. राव साहेब दानवे
13. सदानंद गौड़ा
14. थावरचंद गहलोत