हिमाचल प्रदेश के ऊना में मंगलवार सुबह पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट के बाद आग लगने से 6 महिलाएं जिंदा जल गईं. टाहलीवाल औद्योगिक क्षेत्र के बाथड़ी में सुबह 10:15 बजे के आसपास हुए हादसे में करीब 20 मजदूर आग की चपेट में आए हैं. 13 घायलों को अस्पताल में भर्ती किया गया है. 10 घायल गंभीर हैं, जबकि दो मामूली रूप से झुलसे हैं.
घायलों का क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में उपचार चल रहा है। वहीं कुछ गंभीर रूप से घायलों को PGI चंडीगढ़ रेफर किया गया है. पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम ने मौके पर पहुंच स्थिति को नियंत्रित किया. एसपी ऊना अर्जित सेन ने 6 लोगों की मौत की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच होगी. फिलहाल, मौके से पटाखा बनाने का सामान सीज किया गया है.
जानकारी के अनुसार, ऊना के हरोली के टाहलीवाल के बाथरी इंडस्ट्रियल एरिया में पटाखा फैक्ट्री में यह ब्लास्ट हुआ है. हादसे के बाद मौके पर आग लग गई और कामगार महिलाएं जिंदा जल गईं. आग पर फिलहाल आगू पा लिया गया है. घायलों को ऊना अस्पताल लाया गया है. मौके पर 6 शव ब्लास्ट के बाद गिरे हुए थे, जो सारे महिलाओें के हैं. मृतकों में एक तीन साल की बच्ची भी शामिल है और वह ब्लास्ट के दौरान अपनी मां के साथ थी. शुरुआती जानकारी में मृतक महिलाएं यूपी की बताई जा रही हैं. हालांकि, अभी प्रशासन की ओर से मृतकों की शिनाख्त होना बाकी है.
एक घायल महिला ने बताया कि विस्फोट के समय फैक्टरी में 30 से 35 लोग काम कर रहे थे. अचानक जोरदार धमाके के बाद फैक्टरी में आग भड़क गई. फैक्टरी में विस्फोट के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है. पुलिस मौके पर छानबीन कर रही है. डीएसपी हरोली अनिल पटियाल ने बताया कि मौके पर जांच की जा रही है. सभी पहलुओं की गहनता से जांच की जा रही है. मौके पर डीसी ऊना राघव शर्मा, एसपी अर्जित सेन, उद्योग के महाप्रबंधक अंशुल धीमान भी मौजूद रहे.
काम करने वाली सभी महिलाएं
यहां काम करने वाली सभी श्रमिक महिलाएं बताई जा रही हैं. DC और SP ऊना सहित पूरा प्रशासनिक अमला पुलिस मौके पर मौजूद है. पुलिस विभिन्न पहलुओं पर जांच में जुट गई है. पुलिस यह देख रही है कि आखिर किसकी अनुमति से यहां फैक्ट्री चल रही थी. मृतक मजदूरों के शव पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है.
फैक्टरी अवैध, पहले भी लग चुकी है आग
पंचायत प्रधान सुरेखा राणा ने बताया यह फैक्टरी पूरी तरह से अवैध थी. पंचायत की NOC के बिना फैक्टरी का संचालन किया जा रहा था. यहां पानी का कनेक्शन भी नहीं लिया गया था. यह फैक्टरी स्वां के बिल्कुल छोर पर थी. आसपास के लोगों और पड़ोसियों को भी इसके बारे में जानकारी नहीं थी. हादसे के शिकार हुए सभी लोग अन्य राज्यों के निवासी हैं.
पहले भी फैक्ट्री में एक बार आग लगने की घटना हो चुकी है. उस समय मामले को दबा दिया गया था. अब दोबारा ब्लास्ट होने के बाद उद्योग विभाग पल्ला झाड़ रहा है कि पटाखा फैक्टरी औद्योगिक क्षेत्र से बाहर किसी ग्रामीण की निजी भूिम पर चल रही है.