हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के किन्नौर जिले में रविवार को हुए भू-स्खलन में 9 लोगों की मौत हो गई. किन्नौर जिले में बटसेरी के पास चट्टानें गिरने से छितकुल से सांगला (Chitkul to Sangla) की ओर आ रही पर्यटकों की गाड़ी भूस्खलन की चपेट में आ गई. इस हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई. जबकि तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं.
मरने वालों में जयपुर में गुर्जर की थड़ी स्थित शांति नगर की रहने वाली 34 वर्षीय दीपा शर्मा भी थीं. वह पेशे से आयुर्वेदिक चिकित्सक (Ayurvedic Doctor) थीं और घर पर ही क्लीनिक चलाती थीं. वह एक ट्रेवलर में हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) घूमने आई थीं. दीपा हिमाचल यात्रा के अनुभवों को लगातार सोशल मीडिया पर शेयर कर रही थीं. इनमें एक ट्वीट में अपने फोटो के साथ लिखा कि प्रकृति मां के बिना जीवन कुछ भी नहीं है. इसके कुछ घंटों बाद ही डॉ. दीपा शर्मा प्रकृति की गोद में हमेशा के लिए समा गईं.
दीपा पहली बार अकेले किसी सफर पर निकली थीं. वो सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव थीं. उनकी पर्सनल वेबसाइट के मुताबिक उन्हें फोटोग्राफी, यात्रा करना और नए लोगों से मिलना बेहद पसंद था।किसी ने सोंचा भी न था कि कुदरत की जिस खूबसूरती के बारे में वो सोशल मीडिया पर परिवार और दोस्तों को बता रहीं थीं वो उनकी जिंदगी का आखिरी पोस्ट होगा.
किन्नौर लैंडस्लाइड (Kinnaur Landslide) में अपनी जान गंवाने के एक दिन पहले उन्होंने अपनी एक फोटो पोस्ट की थी जिसमें उन्होंने लिखा था. प्रकृति के बिना जीवन कुछ भी नहीं है।
रविवार को किन्नौर में जब लैंडस्लाइड हुआ उससे कुछ वक्त पहले दीपा ने ट्विटर पर अपनी फोटो साझा की थी. पोस्ट में उन्होंने लिखा था कि वो इस वक्त भारत के आखिरी प्वाइंट पर खड़ी हैं, जहां सिविलयन को जाने की इजाजत है. इसके आगे तिब्बत है जिस पर चीन ने कब्जा किया है. उनके चेहरे पर इस टूर की खुशी साफ दिख रही थी. वहीं उनके अचानक हुए निधन से सोशल मीडिया पर उनके दोस्त और फैंस भी दुखी हैं.
बता दें कि हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में बटसेरी के पहाड़ी से पत्थर टूट कर नीचे गिर रहे थे. चट्टान गिरने से कई वाहन उसकी चपेट में आए हैं. इस दुर्घटना में पर्यटकों से भरी गाड़ी पर भारी पत्थर गिर गया जिससे उसमें सवार 9 लोगों की मौत हो गई. जबकि तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. घायलों को सीएचसी सांगला रेफर किया गया है.
किन्नौर में जहां ये लैंडस्लाइड हुआ (Kinnaur Landslide) वहां पर एक दिन पहले भी पहाड़ी से पत्थर गिर रहे थे. जहां एक गाड़ी चकनाचूर हो गई थी और चालक और पर्यटक ने भागकर जान बचाई थी. इसके बावजूद प्रशासन ने इस हादसे से कोई सबक नहीं लिया. किन्नौर लैंडस्लाइड के बाद भी न तो प्रशासन जागा औऱ न ही पुलिस, जिसके चलते दूसरे ही दिन उसी जगह पर हादसा हो गया और 9 पर्यटकों की जान चली गई. अगर प्रशासन इस मार्ग पर आवाजाही पर रोक लगा देता तो इन लोगों की जान बच जाती, लेकिन पत्थर हटाकर इस मार्ग को बहाल कर दिया गया. किन्नौर भू-स्खलन (Kinnaur Landslide) में 9 लोगों के मारे जाने के बाद अब प्रशासन ने इस मार्ग से आवाजाही पर रोक लगा दी है. रोक लगने से छितकुल और रक्षम में दर्जनों पर्यटक फंस गए हैं.
मृतकों के प्रति पीएम मोदी ने संवेदना जताई है और मृतकों के परिवार को 2-2 लाख रुपए मुआवजे की घोषणा की है. राज्य सरकार ने भी मृतकों के परिजनों के लिए 4-4 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया है. साथ ही घायलों के लिए भी 50-50 हजार रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया गया है.