नई दिल्ली, 28 जुलाई । लोकसभा में शुक्रवार को हंगामे के बीच राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक, 2023 पारित कर दिया गया। यह विधेयक देश में दंत चिकित्सा के पेशे को विनियमित करेगा, गुणवत्तापूर्ण और सस्ती दंत चिकित्सा शिक्षा प्रदान करेगा और उच्च गुणवत्ता वाली मौखिक स्वास्थ्य देखभाल को सुलभ बनाएगा।
इस विधेयक पर चर्चा करते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक दंत चिकित्सक अधिनियम 1948 को निरस्त करेगा और राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग एनएमसी) की स्थापना करेगा। उन्होंने कहा कि समय के साथ कानून को भी अपडेट करना आवश्यक है इससे न केवल शिक्षा अंतरराष्ट्रीय स्तर की होगी बल्कि इस पेशे से जुड़े लोगों को भी लाभ होगा।
वहीं, एक अन्य बिल राष्ट्रीय नर्सिंग एवं मिडवाइफरी आयोग विधेयक, 2023 को पारित कर दिया गया। इस विधेयक का उद्देश्य राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग की स्थापना करना है। विधेयक भारतीय नर्सिंग परिषद अधिनियम 1947 निरस्त हो जाएगा।
नर्सिंग एवं मिडवाइफ पेशेवरों द्वारा शिक्षा और सेवाओं के मानकों के विनियमन और रखरखाव, संस्थानों के मूल्यांकन, राष्ट्रीय रजिस्टर, राज्य रजिस्टरों के रख रखाव और पहुंच, अनुसंधान एवं विकास में सुधार और नवीनतम वैज्ञानिक प्रगति को अपनाने के लिए एक प्रणाली के निर्माण का प्रावधान करता है।
लोकसभा में इस विधेयक पर शुक्रवार को बयान देते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि देश में नेशनल मेडिकल कमिशन लेकर आए थे। इससे एमबीबीएस शिक्षा की कमियों दूर किया गया। चिकित्सा की पढ़ाई के गुणवत्ता को बढ़ाया गया। इस अनुभव का इस्तेमाल करते हुए देश में राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग विधेयक, 2023 लेकर आए। इस विषय पर मौजूदा कानून 60-70 साल पुराना हो गया था। नर्सिंग शिक्षा की गुणवत्ता अंतरराष्ट्रीय मानकों पर बढ़ाने के लिए यह विधेयक लाया गया। समय के साथ बदलाव करना समय की मांग के साथ आवश्यक है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने सोमवार को लोकसभा में नेशनल नर्सिंग एंड मिड वाइफरी कमीशन बिल, 2023 और नेशनल डेंटल कमीशन बिल, 2023 पेश किया था।